सीमा सुरक्षा बल (BSF) के चार अधिकारियों ने त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा स्थित जीरो पॉइंट पर 31 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया। ये सभी पिछले चार दिनों से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। बाद में BSF ने इन सभी को अगरतला में अमताली पुलिस को सौंप दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 बच्चे भी शामिल हैं। मंगलवार को इन सभी की स्थानीय अदालत में पेशी भी है।
गिरफ्तार लोगों में नौ महिलाएं शामिलः नॉर्थ त्रिपुरा जिले के पुलिस प्रमुख भानुपाड़ा चक्रबर्ती के मुताबिक, ‘असम पुलिस ने 31 रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को चुराईबारी में गुवाहाटी जा रही बस से गिरफ्तार किया है।’ असम पुलिस के हवाले से उन्होंने कहा कि 12 बच्चों और नौ महिलाओं समेत कुल 31 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पहचान जाहिर करने से इनकारः गिरफ्तार किए गए सभी लोगों से चक्रबर्ती करीमगंज में पूछताछ करेंगे। इन सभी को मंगलवार को करीमगंज की एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। इस मसले को लेकर सोमवार को BSF और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के बीच एक मुलाकात होनी थी लेकिन नहीं हो पाई। BSF ने फिलहाल गिरफ्तार लोगों की पहचान जाहिर करने से इनकार कर दिया है। हालांकि BSF ने मानवीयता के आधार पर सभी गिरफ्तार लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने की बात कही है।
कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिमः मूलतः म्यांमार में रहने वाले ये लोग पिछले कुछ सालों से भटक रहे हैं। म्यांमार में आंतरिक तनाव के बाद रोहिंग्या मुस्लिमों ने दूसरे देशों में शरण लेना शुरू कर दिया था। भारत और बांग्लादेश में इनकी तादाद सबसे अधिक है। इन्हें लेकर कई बार देश में विवाद की स्थिति भी बनी। मोदी सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों को रखने को तैयार नहीं थी।