बिहार और झारखंड के कुछ गांव ऐसे हैं जो गंगा नदी में चलने वाली जहाज फेरी सेवा के जरिए ही एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं, लेकिन हाल ही में ये फेरी सेवा बंद कर दी गई है, जिसके कारण बिहार और झारखंड के बहुत से गांव का संपर्क एक-दूसरे से टूट चुका है। इस सेवा के ठप होने के कारण बिहार की एक लड़की की शादी टूटने के कगार पर आ गई थी, लेकिन लड़की और उसके परिवार वालों ने हिम्मत नहीं हारी और इस शादी को टूटने से किसी तरह रोका।
दरअसल, फेरी सेवा पिछले आठ दिनों से बंद पड़ी हुई है, ऐसे में बिहार और झारखंड के कुछ गांवों का संपर्क एक दूसरे से टूट सा गया है। बिहार के कठिहार के गांव नीमा की रहने वाली सुनीता की शादी झारखंड के गांव मार्रो के मांवेर मरांडी से 6 जुलाई को होने वाली थी, लेकिन 4 जुलाई से ही दोनों गांवों के बीच चलने वाली फेरी सेवा ठप हो गई थी, जिसके कारण 6 जुलाई को ये शादी नहीं हो सकी। दूल्हे के परिवार ने शादी की तारीख आगे बढ़ाने के बजाए शादी कैंसिल करने का फैसला कर लिया। दूल्हे का परिवार नौका में सवार होकर गंगा नदी पार करने में डर रहा था। ऐसे में जब शादी कैंसिल करने की बात दुल्हन के परिवार तक पहुंचाई गई, तब सुनीता ने अपनी शादी बचाने का फैसला किया।
सुनीता अपने परिवार के साथ नाव पर सवार होकर गंगा नदी पार करते हुए दूल्हे के गांव पहुंच गई, जहां दोनों परिवारों ने सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हुए शादी संपन्न की। सुनीता और उसके परिवार की हिम्मत का ही परिणाम है कि ये शादी टूटने से बच गई। दोनों ने 9 जुलाई को शादी की। बता दें कि फेरी सेवा के जरिए झारखंड और बिहार के बहुत से लोग यात्रा करते हैं, लेकिन इसके बंद होने के बाद अब लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।