पिता घुमाने नहीं ले गया तो बेटा रूठ गया। गुस्सा इतना भीषण आया कि वह पुलिस थाने पहुंच गया। उसने वहां शिकायत की और बोला कि पिता को इतना पीटो कि उनकी रूह कांप उठे। पुलिस ने बच्चे की मौखिक शिकायत पर मामला जाना-समझा और फिर उसे अपने तरीके से हल किया। यह मामला उत्तर प्रदेश के इटावा का है। यहां के करौल मोहल्ले में अमर नाथ गुप्ता रहते हैं। वह पेशे से कारोबारी हैं। उनके दो बेटे हैं, जिनमें से एक का नाम ओम नारायण गुप्ता है। वह 11 साल का है और पांचवीं का छात्र है। उसके कुछ दोस्त इटावा महोत्सव में जा रहे थे। ओम को जैसे ही यह बात पता लगी, उसका भी मन वहां जाने को हुआ। पिता से उसने इसी बाबत घुमाने ले जाने के लिए कहा। मगर उन्होंने उसे ले जाने से साफ इन्कार कर दिया। फिर क्या था, बेटा इसी बात पर उनसे बुरा मान गया। चूंकि पिता ने ही उससे कहा था, “जो करना है कर लो, मैं घुमाने नहीं ले जाऊंगा।”
Unbelievable But True : Parents who punish their children physically and do not give them their due time could find #Police knocking at their doors in India too.A child wronged by his father in Etawah reached t Police Stn.SHO reached his house & counselled his father.#UPPolice https://t.co/ux2jxjM28x
— RAHUL SRIVASTAV (@upcoprahul) January 5, 2018
पिता के मना करने के बाद ओम पुलिस थाने पहुंचा। यहां उसने अपनी आपबीती पुलिसकर्मियों को सुनाई। कहा, “पापा मुझे नुमाइश नहीं ले जा रहे। मैं पूछने गया, तो उन्होंने मना कर दिया। मेरे दोस्त माधव, सलोनी और तनु वहां जा रहे हैं। पापा ने कहा था जो करना है, कर लो जाकर। हम उनकी शिकायत करने आए हैं, ताकि वह हम घुमाने ले जाएं।”
यह पूछे जाने पर कि पिता फिर भी नहीं ले गए तो बेटा बोला, “उन्हें खदेड़ते हुए ले जाइएगा। इतना मारिएगा कि उनकी रूह कांप उठे।” देखिए थाने पहुंच कर इस बच्चे ने गुस्से में अपने पिता के बारे में क्या-क्या बोला-
इसे कहते है भरोसा.
इटावा में एक पिता जब बच्चे की ज़िद पर नुमाइश घुमाने नहीं ले गया तो बच्चे ने सीधे थाने में शरण ली
फिर क्या पिता को थाने बुलवाया,और बच्चे की नुमाइश की ख़्वाहिश पूरी करायी
Thanks @etawahpolice @adgzonekanpur @upcoprahul @navsekera @chitraaum @misskaul pic.twitter.com/AL2ffw0Bxd— SACHIN KAUSHIK (@upcopsachin) January 5, 2018
पुलिस ने ओम को इस बारे में काफी देर तक समझाया। विश्वास दिलाया कि वह उसके पापा को समझाएंगे, तब जाकर उसे घर भेजा जा सका। हालांकि, इसके बाद पुलिस वाले भी ओम के घर पहुंचे और उसके परिजन से मिले। वहां एसएचओ ने उसके पिता को सलाह-मशविरा देकर समझाया और मामला शांत सुलझाया।