बंबई उच्च न्यायालय ने अप्रवासी भारतीय महिला को अपने पति से तलाक के मामले में स्काइप या किसी अन्य वीडियो कॉलिंग तकनीक से अपनी सहमति दर्ज कराने की इजाजत दे दी है। वह अपने पति से अलग रह रही है। न्यायमूर्ति भारती डांग्रे ने इस महीने के शुरू में शहर की एक परिवार अदालत के आदेश को खारिज कर दिया जिसने अमेरिका में रहने वाली महिला की तलाक की याचिका को दर्ज करने से इस आधार पर इनकार कर दिया था कि वह व्यक्तिगत रूप से इसे दायर करने के लिए पेश नहीं हुई थी।

महिला ने उच्च न्यायालय में परिवार अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति भारती ने अपने आदेश में महिला के पिता को पा वर आॅफ अटॉर्नी रखने वाले शख्स के तौर पर इस मामले में पेश होने की इजाजत दी है। उच्च न्यायालय की न्यायाधीश ने परिवार अदालत से कहा कि वह तलाक के लिए महिला की सहमति स्काइप जैसी आॅनलाइन वीडियो कॉंिलग तकनीक के जरिए दर्ज करे।

उच्च न्यायालय ने कहा कि वैश्वीकरण और शिक्षित युवाओं के भारत के बाहर जाने की वजह से यह मुमकिन नहीं है कि वह याचिका दायर करने के लिए मौजूद रहें। दंपति ने 2002 में शादी की थी और वह 2016 से अलग रह रहे हैं। इसके बाद महिला अमेरिका में बस गई थी। पिछले साल उन्होंने परस्पर तलाक के लिए परिवार अदालत का रूख किया था।