चिराग पासवान तो एनडीए में शामिल हो गए हैं लेकिन हाजीपुर सीट को लेकर उनकी उनके चाचा से जुबानी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और मोदी सरकार में मंत्री पशुपति पारस दोनों ही नेता हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का दावा करते हैं।
हाजीपुर सीट को लेकर चाचा- भतीजे में जंग
एनडीए में शामिल होने के बाद भी चिराग पासवान ने कहा था कि हाजीपुर उनके पिताजी की कर्मभूमि रही है और वह इस सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे। वहीं उनके बयान के बाद उनके चाचा पशुपति पारस ने कहा कि मैं हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ूंगा और रामविलास पासवान मुझ पर सबसे ज्यादा भरोसा करते थे।
पशुपति कुमार पारस का हाजीपुर सीट पर दावा
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा और मैं अपने राजनीतिक जीवन के दौरान एनडीए के साथ हमेशा रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं हाजीपुर के लोगों की सेवा करूंगा। आगे पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग पासवान को वहां जाना चाहिए, जहां पर रामविलास पासवान जी उन्हें लेकर गए थे और उन लोगों की सेवा भी करनी चाहिए।
पशुपति पारस ने कहा, “जब NDA के बुरे दिन चल रहे थे तब से हम उनके सहयोगी हैं। जबसे एनडीए का गठन हुआ है, तब से हम इनके साथ हैं। हाजीपुर सीट पर मेरे अलावा कोई और दावेदार नहीं है। मैं बाएं-दाएं होने वाला नहीं हूं। जो कहता हूं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं। हम तीनों भाइयों में बहुत स्नेह था लेकिन बड़े और छोटे भाई के निधन के बाद ऐसी कौन सी वजह थी, जिससे हमारा परिवार टूट गया?” निश्चित तौर पर बिना नाम लिए पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर निशाना साधा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले चिराग पासवान ने कहा था कि हाजीपुर पर चाचा का दावा करना स्वाभाविक है क्योंकि वह वहां से मौजूदा सांसद है, लेकिन मैं इस भूमि को अपनी मां मानता हूं और हाजीपुर हमारे लिए भावनात्मक पहलू है। चिराग पासवान ने कहा था कि मेरा सपना है कि मैं इस क्षेत्र की देखभाल उसी तरह करूं, जैसे मेरे पिता ने किया था।