भागलपुर के तत्कालीन एसडीओ कुमार अनुज के खिलाफ जांच अब निगरानी महकमा करेगा। साथ ही उनके नाम से निर्गत रिवाल्वर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। फिलहाल वे बिहार के बक्सर में वरीय डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। एसएसपी मनोज कुमार के मुताबिक उनके खिलाफ दर्ज दो मामले की पड़ताल पुलिस नहीं करेगी।
बता दें कि भागलपुर के डीएम आदेश तितमारे ने यहां की कृषि बाजार समिति प्रांगण में दुकानें आवंटित करने में घोर अनियमितता और नाजायज वसूली करने के मिली शिकायत के बाद डीडीसी से जांच कराई थी। जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद डीएम के आदेश पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट राजेश्वरी कुमारी पोद्दार ने थाना बबरगंज में 2 मई को एफआईआर लिखवाई थी। जिनमे कुमार अनुज के अलावे चार कर्मचारियों को भी नामजद किया गया था।
इसके बाद उन्हें समाहरणालय की सामान्य शाखा से कैफियत पूछी गई थी। लेकिन इसका कोई जवाब उन्होंने नहीं दिया। नतीजतन एडीएम हरिशंकर प्रसाद ने उनका आर्म्स लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश डीएम से की। इसी पर डीएम ने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया।
वैसे तो कुमार अनुज की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज पुलिस मामले की जांच का जिम्मा निगरानी को सौंप दिया है। इधर, 26 जनवरी को अंबे पोखर की जमीन को और वहां के प्राचीन मंदिर की हनुमान मंदिर की मूर्ति हटाने को लेकर हुए बबाल को लेकर एडीएम से कराई जांच में भी उन्हें कसूरवार ठहराया गया है। साथ ही सैंडिस कम्पाउंड स्टेडियम की मनमानी तरीके से खुदाई करवा देने संबंधी जांच के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी है।
इसके अलावा सबौर ब्लॉक में विकास मित्र बहाली में भी गड़बड़ी की शिकायत मिली है। इसकी भी जांच डीएम ने कराई। जिसमें भी मामला थाना आदमपुर में दर्ज कराया गया है। जाहिर है कुमार अनुज पर इन सब मामलों में कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है। निगरानी की टीम को पुलिस जल्द ही केस से जुड़े कागजात सौंप देगी। ताकि अपने तरीके से निगरानी व्यूरों के जांच अधिकारी अपना काम करेंगे।
