नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़ बीजेपी से हाथ मिलाने को पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सोमवार (31 जुलाई) को उन्होंने महागठबंधन से नीतीश के अलग होन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने अभी तक अपने सभी पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों के मुताबिक शरद यादव के करीबी नेताओं का इशारा है कि वह 19 अगस्त को होने वाली जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले, दिल्ली में सभी विपक्षी नेताओं के साथ सम्मेलन में शिरकत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक बिहार इकाई से इतर जदयू की 20 अन्य इकाई भी नीतीश कुमार और शरद यादव को पत्र लिखेंगी।
इस पत्र के जरिए पार्टी की अन्य इकाई नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करेंगी। शरद यादव ने नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने पर कहा था, “बिहार में स्थिति ठीक नहीं है। राज्य के 11 करोड़ मतदाताओं ने महागठबंधन को चुना था। मैं गठबंधन सरकार के टूटने से मैं दुखी हूं। गठबंधन टूटना नहीं चाहिए था। इस टूट से दुखी हूं और पार्टी के लोगों से बात कर रहा हूं। इससे ज्यादा अभी कुछ कहना मैं ठीक नहीं समझता।”
इसी बीच जदयू महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कोई भी पार्टी को क्षति पहुंचाने या उस तोड़ने की कोशिश नहीं करेगा। त्यागी ने कहा, “शरद जी एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं और वह पार्टी के फैसले या लोगों के खिलाफ नहीं जाएंगे।” सूत्रों के मुताबिक शरद यादव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होंगे लेकिन वह बीजेपी के साथ गठबंधन पर भी अपनी बात भी कहेंगे। विपक्षी नेताओं के साथ सम्मेलन, इसी महीने के दूसरे हफ्ते में होने की उम्मीद है।

