बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार अपना और अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए सरकारी धन और सरकारी सेवकों का अनुचित लाभ ले रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “सरकारी निर्देश जारी कर सरकारी कर्मियों को सीएम की सभा में हाज़िर करवाना अभूतपूर्व ही नहीं दुर्भाग्यपूर्ण भी है। देखिए आदेश! जदयू पार्टी की सभा का प्रचार,प्रबंधन और व्यय सरकारी ख़ज़ाने से क्यों हो रहा है?” इसके साथ ही उन्होंने सरकारी आदेश की प्रति भी सोशल मीडिया पर शेयर की है।
लालू ने एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट किए हैं। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “पब्लिक फ़ंड और लोकोपयोगी राशि को अपनी धूमिल और अनैतिक छवि का रंग-रोगन एवं महिमामंडन करने में ख़र्च करने पर अंतरात्मा नहीं फूँफकारती क्या? विकास की एक ईंट नहीं लगी ऊपर से सरकारी राशि को पानी की तरह बहाया जा रहा है।” एक अन्य ट्वीट में लालू ने लिखा, “नीतीश को जनता ने नकार दिया है। कोई रेस्पॉन्स नहीं ले रहा। मात्र 500-400 लोग जुट रहे है। उसमें भी विरोध। अब तानाशाही फ़रमान जारी किया है कि स्कूल/दफ़्तर सब बंद करो और सरकारी कर्मचारियों को सभा में जुटाओ।”
लालू यादव ने एक न्यूज चैनल पर प्रसारित खबर की स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है, “जहाँ पैर रख रहा वहाँ विरोध ही विरोध। नीतीश चार महीनों बाद जनता से डरकर आख़िर में समीक्षा के बहाने बाहर निकला। बगहा, मोतिहारी,शिवहर,सीतामढ़ी और आज मधुबनी, हर जगहे ख़िलाफ़त।अंतरात्मा आत्मनिरीक्षण करें।”
लालू यादव ने जो पत्र सोशल मीडिया में जारी किया है वह मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा द्वारा सभी प्रधान सचिवों, जिला प्रभारी सचिवों, प्रमंडलीय आयुक्तों, सभी डीआईजी, डीएम और एसपी को लिखा गया है कि मुख्यमंत्री का राज्यव्यापी भ्रमण कार्यक्रम है, जिसमें वो निर्माणऔर अन्य विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। इस पत्र को आधार बनाकर जीविका के विशेष कार्य पदाधिकारी ने सभी जीविका सेविकाओं को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होने का आदेश निर्गत किया है।
सरकारी निर्देश जारी कर सरकारी कर्मियों को सीएम की सभा में हाज़िर करवाना अभूतपूर्व ही नहीं दुर्भाग्यपूर्ण भी है। देखिए आदेश! जदयू पार्टी की सभा का प्रचार,प्रबंधन और व्यय सरकारी ख़ज़ाने से क्यों हो रहा है? pic.twitter.com/Hdk27E6aXx
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 15, 2017
जहाँ पैर रख रहा वहाँ विरोध ही विरोध। नीतीश चार महीनों बाद जनता से डरकर आख़िर में समीक्षा के बहाने बाहर निकला। बगहा, मोतिहारी,शिवहर,सीतामढ़ी और आज मधुबनी, हर जगहे ख़िलाफ़त।अंतरात्मा आत्मनिरीक्षण करें। pic.twitter.com/avsPuXN80N
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 15, 2017