बिहार के चंपारण में एक लड़के ने शादी से इंकार किया तो लड़की उसके घर बारात लेकर पहुंच गई। मामला बेरिया कस्बे का है। लड़की को परिवार के साथ आता देख लड़के वालों ने घर छोड़ने में ही भलाई समझी। लड़की अपने परिवार वालों के साथ लड़के के घर के बाहर धरने पर बैठ गई। हरसिद्धि थाने के धनखैरटिया गांव के लालबहादुर साहनी की बेटी गीता की शादी पश्चिमी चंपारण के बैरिया थानांंतर्गत तिलंगहीं गांव के केदार चौधरी के बेटे दीपक के साथ तय हुई थी। शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं, मगर ऐन मौके पर लड़के वालों ने शादी से इंकार कर दिया। इससे गीता भड़क गईं और परिवार को साथ लेकर दीपक के घर बारात लेकर पहुंच गई। मगर घर पर दीपक मौजूद नहीं था। गीता अपने परिवार के साथ ही दीपक के घर के बाहर धरने पर बैठ गईंं। गीता ने बताया कि उसके भाई की शादी दीपक की बहन से हुई है, जो लुधियाना में रहता था। वहीं से दीपक उसके घर अक्सर फोन किया करता था। गीता के अनुसार, ”वो मुझसे शादी करना चाहता था। मेरी ओर से शादी से इंकार करने पर दीपक आत्महत्या कर लेने की धमकी दिया करता था।” गीता का कहना है कि वह मजबूरी में उससे शादी करने के लिए तैयार हो गईं। गीता के मुताबिक दीपक के साथ उसका रिश्ता करीब 10 साल पुराना है। गीता के मुताबिक, दीपक ने उसे अपनी पत्नी बताकर जीवन बीमा कराया और आधार कार्ड भी बनवा रखा है।
गीता ने दीपक पर शारीरिक संबंध बनाकर शादी से मुकर जाने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि वे दोनों पति-पत्नी की तरह रहा करते थे। दीपक को पति मानकर गीता ने अपने हाथों पर उसके नाम का गोदना भी गुदवा लिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद दीपक बदल गया। उसने शादी से इंकार कर दिया। गीता के मुताबिक, मामला पंचायत पहुंचा तो पंचायत ने तय किया कि ‘2 लाख 20 हजार रुपए देकर हम दोनों शादी कर सकते हैं।’ पंचायत ने शादी के लिए 16 नवंबर की तारीख भी तय कर दी थी।
गीता के अनुसार, पंचायत के फैसले के बाद गीता के पिता ने दीपक के पिता को पैसा भी दे दिए। लेकिन उसने पैसा लेने के बाद शादी करने से इंकार कर दिया। लड़की वालों ने शादी की सभी तैयारियां कर ली थीं। अब शादी स्थगित होने से पूरी तैयारी धरी की धरी रह गई है।
सौजन्य- अनामिका प्रकाश