Encephalitis (Chamki Fever) Symptoms, Causes, Precautions: बिहार में ‘चमकी’ बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार (19 जून, 2019) को चमकी बुखार यानी एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या फिर बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक इस भयानक बीमारी की वजह से अभी तक 144 बच्चों की मौत हो चुकी है। मृतकों में बच्चियों की तादाद अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बीमारी से अकेले मुजफ्फरपुर में 117 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा वैशाली में 12, समस्तीपुर में 5, गया में 6 और मोतिहारी और पटना में दो-दो बच्ची की जान चली गई। बताया जाता है कि चमकी बुखार इतना खतरनाक है कि पिछले 96 घंटे में बीमारी से ठीक हुए बच्चों की अचानक मौत हो गई।
वहीं मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के चीफ सुनील कुमार शाही ने एक बयान में बताया, ‘हॉस्पिटल में अभी तक 372 बच्चों को एडमिट कराया जा चुका है। इनमें 118 बच्चों को छुट्टी दे दी गई जबकि 57 बच्चों को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।’ उन्होंने ‘चमकी’ के चलते हुईं मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम की वजह से हमारे यहां 93 बच्चों की मौत हो गई।’
इसके अलावा उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से हॉस्पिटल से दूर रहने की अपील करते हुए कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता से विनम्र गुजारिश करता हूं कि वो उन स्थानों पर जाएं जहां से मरीज आ रहे हैं, उनके बीच जागरुकता फैलाएं। अभी उनकी हॉस्पिटल में जरुरत नहीं है। मेरी उनसे गुजारिश है कि दूर-देहात के इलाकों में जाएं।’
उन्होंने आगे कहा कि एक भी बच्चे को पीआईसीयू के फर्श पर नहीं रखा गया। हालांकि उन्होंने कहा कि मरीजों की अधिक संख्या के चलते दो से तीन को एक ही बैठ पर रखा गया। 57 में से 40 बच्चों को आज छुट्टी दे दी जाएगी।
