छतीसगढ़ के सुकमा पुलिस हमले में एक नया मोड़ सामने आया है। सोमवार को जमुई के चरकापत्थर जंगल से दबोचे गए 9 नक्सलियों के तार इस हमले से जुड़े मिले हैं। ये इसी तर्ज पर यहां पर भी लैंड माइंस बिछाकर पुलिस पर हमले की फिराक में थे। लेकिन वक्त रहते इनको दबोच लिया गया। जमुई के एसपी जयंत कांत के मुताबिक, ये बड़े हमले की नीयत से नैनी पत्थर और असरखो जंगल में जुटे थे। लेकिन सीआरपीएफ, सीमा सुरक्षा बल, एसटीएफ और बिहार पुलिस की संगठित कार्रवाई ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इन जंगलों में सर्च अभियान अभी भी जारी है।
एसपी के मुताबिक, इनसे सघन पूछताछ के दौरान सुकमा में सुरक्षा बलों पर हमले की बात इन्होंने कबूली है। इनके खिलाफ भारतीय दंड विधान और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इनके पास से पांच किलो वजन की 12 पाइप बम, 24 से ज्यादा सिलेंडर बम, 30 लैंडमाइंस, डेटोनेटर, बिजली के तार, बैटरी और दूसरे विस्फोटक पदार्थ बरामद किया है।
सोमवार को गिरफ्तार किए गए नक्सली विशेष दस्ते के सदस्य हैं। इनमें रामदेव कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, श्याम सोरेन , सोनम हांसदा, मदन भुलिया, गोपाल भुलिया, सुनील मरांडी, जानकी मुर्मू, चमरू राम शामिल हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही छतीसगढ़ के सुकमा जंगल में नक्सली हमले में सुरक्षा बल के 25 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में इन लोगों का ही हाथ था। इनमें सोनम हांसदा को हमले के वक्त संतरी ड्यूटी पर लगाया गया था। इसी तरह अन्य हमलावरों की अलग-अलग जगह ड्यूटी लगाई गई थी। ये सभी आंध्र प्रदेश और छतीसगढ़ के जंगलों में ट्रेनिंग ले चुके हैं और ये अपने जोनल कमांडर सिद्धू कोड़ा और सूरज यादव के इशारे पर काम करते हैं। यह बात इनसे पूछताछ के दौरान सामने आई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनकी योजना भी जमुई जंगल में सुरक्षा बलों की बड़ी टुकड़ी पर सुकमा की तरह हमला कर मौत के घाट उतारना था। लेकिन मिली खुफिया जानकारी के फौरन बाद चलाए सर्च आपरेशन से उनकी तमाम योजना धरी की धरी रह गई। एसपी को और कामयाबी मिलने की उम्मीद है। जंगल में तलाशी अभियान जारी है।

