बिहार का कोशी इलाका नोटबंदी के बाद आय कर विभाग की नजर में चढ़ा हुआ है। सात दिनों के अंदर आय कर अधिकारियों ने पूर्णिया में मंगलवार को दूसरी बार छापा मारा है। इस बार आईटी अफसरों ने हरियाणा के कारोबारी देवेंद्र सिंह देसवाल के कारखाने और दूसरे ठिकानों पर धावा बोला। सूत्र बता रहे हैं कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने देसवाल के हरियाणा, असम, बिहार और दूसरे राज्यों के ठिकानों और घरों पर एक साथ छापेमारी की है। जहां से बरामद कागजातों के जरिए इनके हिसाब-किताब खंगाले जा रहे हैं।

गौरतलब है कि देवेंद्र सिंह देसवाल के पिता जसवीर देसवाल हरियाणा की सफेदो विधान सभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। देश के विभिन्न राज्यों में इनका अलग-अलग कारोबार है। ये मुर्गी पालन में इस्तेमाल होने वाले दाना बनाने और अंडे से चूजा तैयार कर आपूर्ति करने का कारोबार करते हैं। आय कर अधिकारियों ने देसवाल के पूर्णिया ठिकाने से बगैर किसी हिसाब-किताब के 5 लाख रुपए नकद और कई अहम कागजात जब्त किए हैं। 15 अफसरों की टीम का नेतृत्व सहायक आयकर आयुक्त दलजीत सिंह कर रहे थे। दूसरे ठिकानों पर जाँच दल को क्या मिला है, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

इससे पहले पूर्णिया के मैक्स7 अस्पताल ग्रुप के 25 ठिकानों पर 80 गाड़ियों से गए 150 आयकर अधिकारियों की टीम ने 19 अप्रैल को छापा मारा था। इसके बाद अफसरों ने छापेमारी में बरामद कागजातों को लगातार चार दिनों तक खंगाला था। इनमें 70 करोड़ रूपए की बेहिसाब संपत्ति का पता लगा था। इसके अलावा अफसरों ने एक करोड़ रुपये नकद, 4 किलो सोना, 15 किलो चांदी और 200 बैंक खाते जब्त किए थे। अधिकारियों ने 35 बैंक लॉकर भी सील किए थे। उनमें से अभी तक 10 ही खोले जा सके हैं, बाकी 25 लॉकर खोलकर खंगलाने की प्रक्रिया अभी बाकी है। आय कर अधिकारियों को भरोसा है कि बेहिसाब संपत्ति का आंकड़ा 200 करोड़ रूपए तक पहुंच सकता है।

सूत्र बताते हैं कि कोशी क्षेत्र के खगड़िया, नौगछिया, सुपौल, कटिहार , बेगूसराय और पूर्णिया शहर के बड़े-बड़े व्यापारी आय कर विभाग के निशाने पर हैं। इसके बाद भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, झारखंड के देवघर, धनबाद, गिरिडीह सरीखे शहरों का भी नंबर आनेवाला है।