बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ जहां शराबबंदी को लेकर वाहवाही लूट रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में नकली शराब की तस्करी करने करने वालों पर कोई शिकंजा कसने को तैयार नहीं है। ताजा मामला गोपालगंज के उचकागांव का है, यहां नकली शराब पीने से एक शख्स की मौत हो गई, जबकि दूसरे शख्स की आंखों की रोश्नी चली गई है। बताया जा रहा है कि एक चौकीदार के घर गृहप्रवेश में खाना बनाया जा रहा था, इस दौरान चार मिस्त्रियों ने नकली शराब पी ली। जिसमें रमाकांत (50) नाम के व्यक्ति की हालत नाजुक हो गई। रमाकांत को आनन-फानन में नजदीकी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत नकली शराब पीने से हुई है। वहीं दूसरे व्यक्ति नायक प्रसाद की शराब पीने से आंखों की रोश्नी चली गई है।
नायक प्रसाद की गंभीर हालत को देखते हुए गोरखपुर रेफर कर दिया गया है। मृतक के परिजनों ने बताया कि गांव के चार लोग उचकागांव थाने के चौकीदार झगरू यादव के यहां गृहप्रवेश में खाना बनाने गये थे। इनका आरोप है कि चौकीदार ने ही शराब दी। शराब पीते ही चारों की हालत बिगड़ने लगी। इधर, घटना की सूचना मिलते ही नगर इंस्पेक्टर बालेश्वर राय, सिविल सर्जन डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा, डीपीएम अरविंद कुमार समेत कई डॉक्टर सदर अस्पताल में पहुंच गए।
बता दें कि बिहार में पूर्ण रुप से शराब बंद है। ऐसे में प्रदेश में हो रही इस तरह की घटनाएं सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करती है। हालांकि, यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बिहार में नकली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। शहर के खजूरबानी में गत वर्ष 15-16 अगस्त को जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई थी। खजूरबानी कांड में मौत का सिलसिला रात से ही शुरू हो गया था। एक के बाद एक मौत होती चली गई थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा भी सुनाई है।