बिहार के स्थानीय निकायों के चुनाव मई महीने तक होने वाले हैं लेकिन होली से पहले निर्वाचन आयोग की जारी अधिसूचना ने कई लोगों के चेहरों के रंग उड़ा दिए हैं। जिन लोगों ने मेयर बनने का मंसूबा पाल रखा था और बीते एक साल से किसी न किसी बहाने अपनी मौजूदगी राजनीतिक कार्यक्रमों में दर्ज करा रहे थे। वे अब हक्के बक्के हैं। दरअसल, निर्वाचन आयोग ने 10 मार्च को बिहार की 12 नगर निगम के महापौर के चुनाव से संबंधित आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के तहत मुजफ्फरपुर नगर निगम महापौर का पद पिछड़ा वर्ग (अन्य) के लिए सुरक्षित किया है। वहीं गया नगर निगम को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। पटना, आरा, बिहारशरीफ, दरभंगा और भागलपुर सीट महिला के लिए आरक्षित की गई है। भागलपुर नगर निगम की महापौर अबकी पिछड़ा वर्ग की महिला होगी जबकि कटिहार, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया और छपरा नगर निगम सीट अन्य मसलन सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित की गई है।

साल 2001 में भागलपुर नगर निगम बनने के बाद से अब तक दो महिला महापौर हो चुकी हैं। कहकशां परवीन और वीणा यादव। कहकशां परवीन फिलहाल जनता दल यूनाइटेड से राज्य सभा की सांसद हैं। अब तीसरी महिला का भागलपुर महापौर बनना भी निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर तय कर दिया है। साल 2012 में दीपक भुवानियां अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रीति शेखर को हराकर महापौर बने थे जिनका कार्यकाल मई में पूरा हो रहा है। प्रीति शेखर फिलहाल उप महापौर हैं।

दरअसल, हाल के सालों में महापौर और जिला परिषद का चुनाव बिहार में धन-बल और बाहुबल का चुनाव बन गया है। इसी वजह से सब की निगाहें ऐसे पदों पर टिकी होती हैं। भागलपुर नगर निगम के महापौर के लिए आधे दर्जन लक्ष्मी पुत्रों ने अपनी थैली ले कमर कसे थे जिनमें ज़िला परिषद के पूर्व अध्यक्ष, निवर्तमान महापौर, उपमहापौर, स्वर्णकार के पुत्र के नाम की चर्चा जोरों पर थी लेकिन इनके किए धरे पर अब रायता बिखर गया है।