बिहार में भागलपुर के पूर्व सदर एसडीओ कुमार अनुज और उनके दफ्तर के चार कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद उनके निलंबन और निगरानी जांच कराने की सिफारिश डीएम आदर्श तितरमारे ने पत्र भेजकर सरकार से की है। इसके अलावे बक्सर के डीएम और पटना के आयुक्त को उनके खिलाफ लगे आरोप और कार्रवाई की जानकारी भी पत्र के जरिए दी गई है। कुमार अनुज बक्सर में ही वरीय उपसमाहर्ता के पद पर तैनात हैं। बीते महीने ही वे यहां से तबादला होकर गए हैं। मालूम रहे कि इनके खिलाफ कृषि बाजार समिति की जमीन पर नियमों के खिलाफ लोगों को दुकानें आवंटित करने, आवंटन में रुपयों की हेराफेरी करने, रसीद से ज्यादा रकम बसूलने, एक परिवार को एक दुकान के बजाए कई दुकानें अलॉट करने के अलावा अन्य आरोप हैं जिसकी जांच डीएम ने डीडीसी से कराई। जाँच रिपोर्ट सौंपते हुए डीडीसी ने कुमार अनुज समेत पांच कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। इन पर लाखों रुपए के घपले का संगीन आरोप है।

सूत्रों के मुताबिक इन रुपयों की वसूली के लिए जल्द ही इन पर मनी सूट केस दायर करने की भी तैयारी हो रही है। उधर इसी साल 26 जनवरी को अंबे पोखर के पुराने मंदिर से हनुमान प्रतिमा जबरन हटाने और फिर पूरा प्रशासन को साम्प्रदायिक तनाव में डालने की भी जांच एडीएम हरिशंकर प्रसाद कर रहे हैं। उसमें भी कुमार अनुज की भूमिका पर सवाल उठे थे। जल्द ही वह रिपोर्ट आने वाली है। जिला अधिकारी ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कुमार अनुज पर पैसों की हेराफेरी और आपराधिक षड्यंत्र का सीधा आरोप लगाते हुए उनके निलंबन के बारे में लिखा है। ताकि गवाह और सबूतों से किसी तरह का दबाव और छेड़छाड़ न हो।

डीएम ने निगरानी विभाग के प्रधान सचिव और गृह, कृषि, वित्त विभाग समेत महालेखाकार को भी वित्तीय अनियमितता और इससे सरकार को हुए धन के नुकसान का जिक्र करते हुए चिट्ठी भेजी है और कुमार अनुज के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।