भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज करा रहे पुलिस सहायक अवर निरीक्षक गिरोकांत मुर्मू ने चौथी मंजिल की खिड़की से कूद कर अपनी जान दे दी। यह वाकया मंगलवार देर शाम का है। वह झारखंड के जमशेदपुर टेल्को थाना में तैनात था और झारखंड के ही गोड्डा सुंदर पहाड़ी गाँव का वाशिंदा था। एसएसपी मनोज कुमार खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे और मौके का जायजा लिया। वह बीते कई महीनों से रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित था। वह बीते चार रोज से इलाज कराने के लिए अस्पताल के सर्जरी वार्ड में भर्ती था। शौचालय की खिड़की की जाली को उसने तोड़कर छलांग लगा दी, जिससे कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हालांकि इलाज के दौरान उसकी पत्नी और बेटी भी साथ ही थे। इत्तफाकन थोड़ी देर पहले ही वे दोनों बाजार से चप्पल खरीदने निकल गए थे। इधर पता नहीं गिरोकांत के मन में क्या उपजा कि उसने खिड़की से छलांग लगा दी। एसएसपी मनोज कुमार बताते है कि 5 मई को भी गोड्डा में अपने गले और पेट को जख्मी कर उसने आत्महत्या की कोशिश की थी। पुलिस ने उस वक्त उसे गोड्डा के सदर अस्पताल में दाखिल कराया था जहां से उसे बाद में डाक्टरों ने भागलपुर रेफर कर दिया था।
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परिवार के लोग बताते है कि एएसाआई ने अपने इलाज में पहले से ही काफी खर्च कर दिया था, बावजूद इसके उसके बीमारी जाने का नाम ही नहीं ले रहे थी। इसी कारणवश वह परेशान रहता था। उसकी पत्नी अग्ने सोरेन पाकुड़ की किसी स्कूल में शिक्षिका है। दो बेटी एक बेटा है। गिरोकांत ने ही उन्हें बाजार से चप्पल लाने भेजा था। हाथों में चप्पल लिए बाजार से लौटी मां- बेटी गिरोकांत की लाश देख सन्न रह गई और फूट-फूटकर रोने लगीं।
उसकी पत्नी अग्ने सोरेन के मुताबिक वह बीते छह महीने से हड्डी के दर्द से परेशान था और जमशेदपुर, धनबाद, कटिहार, गोड्डा और भागलपुर में इलाज कराकर जिंदगी से ऊब सा गया था। पैसों की फ़िक्र में उसने जान दे दी। एसएसपी बताते है कि खुदकशी के कारण और जमशेदपुर थाने में उसकी स्थिति का पता लगाकर तहकीकात की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद लाश को उसके घरवालों को सौप दिया गया।
