बीते कुछ दिनों से हिंसाग्रस्त चल रहे बिहार के मुंगेर में गुरुवार को फिर से हिंसा भड़क गई। इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी। बता दें कि सोमवार की रात को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।

चुनाव आयोग के जिले के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह का तबादला भी कर दिया है लेकिन इसके बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। उपद्रवियों में अधिकतर युवा हैं और उन्होंने आज पुरवासाराय पुलिस चौकी के बाहर दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। उपद्रवी हिंसा को नियंत्रित करने में असफल रहने के लिए पूर्व एसपी लिपि सिंह के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। फिलहाल इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।

चुनाव आयोग ने मुंगेर हिंसा के मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच मगध कमिश्नर असंगबा चुबा आओ करेंगे और चुनाव आयोग ने एक हफ्ते में इस जांच की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। मुंगेर पुलिस का कहना है कि ताजा हिंसा के बाद अतिरिक्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

दरअसल गुरुवार को मुंगेर के बाटा चौक से एक विरोध प्रदर्शन सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ, जिसमें 50 के करीब लोग शामिल थे। स्थानीय प्रशासन के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो रहा था। जैसे ही यह विरोध प्रदर्शन डीएम कार्यालय की तरफ गया, बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हो गए और इस दौरान गुस्साए लोगों ने रोड के किनारे खड़े वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस के दो वाहनों में भी आग लगायी गई।

लोगों की भीड़ ने मुफासिल पुलिस स्टेशन में भी तोड़-फोड़ की। मुंगेर पुलिस ने फिलहाल हिंसा के मामले में 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

राजद नेता तेजस्वी यादव और लोजपा नेता चिराग पासवान ने मुंगेर प्रशासन की तुलना जलियांवाला बाग कांड के दोषी जनरल डायर से कर दी है। तेजस्वी यादव ने कहा कि “हम जानना चाहते हैं कि पुलिस फायरिंग के आदेश किसने दिए?” वहीं जदयू ने पलटवार करते हुए कहा है कि अब चिराग और तेजस्वी एक ही भाषा बोल रहे हैं। जदयू का कहना है कि लोजपा, राजद की बी टीम लग रही है।