बिहार विधानसभा चुनाव में छह महीने से कम का वक्त बचा है। महागठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर विपक्ष के बीच अभी से बात विवाद शुरू हो गया है। सोमवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर हमला बोला है। मांझी ने कहा कि आरजेडी महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में जरूर है, लेकिन वह बड़े भाई की भूमिका निभा नहीं पा रहा है।
सीट बंटवारे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “इस महागठबंधन में आरजेडी बड़े भाई की भूमिका में है। लेकिन वह बड़े भाई की भूमिका ढंग से निभा नहीं पा रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो महागठबंधन के घटक दल मार्च के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।” मांझी के इस बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा “जिनकी जितनी हैसियत होगी उनको उसी के हिसाब से सीटें दी जाएंगी।”
उन्होंने मांझी पर कहीं और से गाइड होने का आरोप लगते हुए कहा कि मांझी काही और से गाइड हो रहे हैं, प्रेशर पॉलिटिक्स ना करें। इस तरह अपने सहियोगियों पर आंख गुरेड़ना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आरजेडी बड़े भाई की भूमिका बखूबी निभा रही है और सही समय पर अपना रुख साफ करेगी।
इस बयान पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने जवाब देते हुए कहा कि आरजेडी उन्हें कम ना आंके। पार्टी मुख्य प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा “कहीं कोई मुग़ालते में है कि मेरा बहुत बड़ा जनाधार है तो लोकसभा चुनाव के परिणाम ने साफ कर दिया था कि किसका कितना बड़ा जनाधार है।” रिजवान ने कहा कि मांझी किसी से गाइड नहीं होते, उनकी उम्र तेजस्वी की उम्र से तिगुनी है। तेजस्वी कहा से गाइड हो रहे हैं?