Seemanchal Result: बिहार विधानसभा चुनाव के जो रुझान सामने आए हैं, वे पूरी तरह अप्रत्याशित हैं। एनडीए की डबल सेंचुरी हो चुकी है और वह 2010 के रिकॉर्ड को भी तोड़ते हुए नजर आ रही है। सीमांचल क्षेत्र में भी एनडीए का प्रदर्शन इस बार काफी बेहतरीन रहा है। यह वही इलाका है जिसे मुस्लिम बहुल माना जाता है, जहां महागठबंधन का परंपरागत वोट माना जाता है और जहां ओबीसी फैक्टर भी अपनी अहमियत रखता है। लेकिन इस बार एनडीए ने यहां अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया है, और यही वजह है कि इतने अप्रत्याशित आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि सीमांचल में कौन-कौन सी सीटें आती हैं, नीचे दी गई टेबल को ध्यान से देखें-
| क्रम | विधानसभा क्षेत्र |
| 1 | किशनगंज |
| 2 | बहादुरगंज |
| 3 | कोचाधामन |
| 4 | ठाकुरगंज |
| 5 | अररिया |
| 6 | रानीगंज |
| 7 | फोर्ब्सगंज |
| 8 | नरपतगंज |
| 9 | पूर्णिया |
| 10 | कसबा |
| 11 | बनमनखी (SC) |
| 12 | रूपौली |
| 13 | धमदाहा |
| 14 | कटिहार |
| 15 | कदवा |
| 16 | बलरामपुर |
| 17 | प्राणपुर |
| 18 | मनिहारी (SC) |
| 19 | बरारी |
| 20 | अमौर |
अब इस समय चुनाव आयोगी की वेबसाइट देखी जाए तो एनडीए सीमांचल में 14 सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। अररिया (जेडीयू), फोर्ब्सगंज (बीजेपी), नरपटगंज (बीजेपी), पूर्णिया (बीजेपी), कसबा (एलजेपी), बनमनखी (बीजेपी), रूपाली (जेडीयू), धमदाहा (जेडीयू), कटिहार (बीजेपी), कदवा (जेडीयू), बलरामपुर (एलजेपी), प्राणपुर (बीजेपी), मनिहारी (जेडीयू), बरारी (जेडीयू) वो सीटें हैं जहां पर एनडीए ने खेल किया है।
इस समय 6 सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने अपनी लीड बना रखी है। वो सीटें इस प्रकार हैं- जोकीहाट, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन, अमौर, बैसी। अब ये रुझान बताने के लिए काफी हैं कि सीमांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में भी महागठबंधन का एक तरह से सूपड़ा साफ हुआ है। इस वजह से भी एनडीए की टैली अब डबल सेंचुरी को पार कर चुकी है।
LIVE: तेजस्वी की सीट पर कांटे का मुकाबला
जानकार मानते हैं कि महागठबंधन जो सीमांचल में पिछड़ा है, उसका बड़ा कारण ओवैसी ही हैं। जिस तरह से इस चुनाव में तेजस्वी ने ओवैसी की पार्टी को तवज्जो नहीं दी, जिस तरह से उन्हें गठबंधन में शामिल नहीं किया गया, इसका खामियाता कई सीटों पर भुगतना पड़ा है। एक तरफ AIMIM ने 2020 की तुलना में अपना प्रदर्शन बेहतर किया है, 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 5 सीटें जीती थी, इस बार वो अभी 6 सीटों पर अपनी निर्णायक लीड बनाए हुए है। इसके अलावा कई सीमांचल की ऐसी सीटें रही हैं जहां पर ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन के वोट काटे हैं और उसका फायदा एनडीए प्रत्याशियों को हुआ है।
जानकार ये भी मानते हैं कि सीमांचल में महिला वोटरों की संख्या भी काफी है और उनका झुकाव एनडीए के साथ स्पष्ट दिखा है। इस वजह से भी इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में समीकरण बदले हैं। इसके ऊपर विकास की कुछ योजनाएं ऐसी रही हैं जिन्होंने जाति-धर्म की दीवार को तोड़ दिया है।
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