वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक जूनियर लैब अटेंडेंट को सोडोमी (गुदा मैथून) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। विश्वविद्यालय के एमए(हिन्दी (प्रथम वर्ष) के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि दीपक शर्मा ने चार अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके संग यौन दुराचार किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी को सेवा से निलंबित कर दिया है। वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वीसी ने पीड़ित से बात करने के बाद शर्मा को मंगलवार को निलंबित कर दिया। सिंह ने कहा, “जब घटना हुई तो वीसी काम से बाहर गए थे। वापस आने के बाद उन्होंने जांच कमेटी का गठन किया है।” सिंह ने बताया कि जांच कमेटी का नेतृत्व मेडिसिन एंड साइंस विभाग के प्रमुख जय प्रकाश ओझा करेंगे। जांच कमेटी तीन सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के मूल निवासी छात्र ने कहा है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसकी मदद नहीं कि वो वो प्रधानमंत्री कार्यलाय से मदद की गुहार करेगा। छात्र ने कहा, “मैंने कल्पना भी नहीं की थी भारत के सबसे अच्छे विश्वविद्यालय माने जाने वाले संस्थान में ऐसी घटना हो सकती है।” पीड़ित का कहना है कि वो पुरुष है इसलिए उसकी बात पर लोग यकीन नहीं कर रहे हैं। घटना की एफआईआर के अनुसार पीड़ित की बहन बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती थी। 13 अगस्त को जब वो अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अपनी बहन की मेडिकर रिपोर्ट लेने गया तो लैब अटेंडेंट दीपक शर्मा ने उसे शाम को आने को कहा। जब वो शाम को वापस आया तो शर्मा और उसके चार दोस्तों उसे कथित तौर पर एक कार में खींचकर ले गए। पीड़ित के अनुसार कार पर बीएचयू के प्रतीक चिह्न वाला स्टीकर लगा हुआ था।
एफआईआर के अनुसार पीड़ित को शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और चलती कार में उसके संग यौन दुराचार किया गया। आरोपियों ने घटना के बाद पीड़ित को विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के करीब गाड़ी से उतार दिया। पीड़ित छात्र का आरोप है कि उसने घटना के तत्काल बाद पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके मामले की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर चार दिन बाद एफआईआर दर्ज की। बीएचूय के छात्र मृत्यंजय कुमार के अनुसार, “पीड़ित छात्र पर शिकायत वापस लेने का काफी दबाव था।”
लंका थाने के एसएचओ संजीव मिश्रा ने बताया कि छात्र की शिकायत पर पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मिश्रा ने बताया, “छात्र की दो बार मेडिकल जांच कराई गई है लेकिन आरोप की पुष्टि नहीं हुई है।”