मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी धार जिले के विवादास्पद स्मारक भोजशाला में 12 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर नियमों के मुताबिक पूजा और इबादत की अनुमति दी जायेगी। गौर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भोजशाला के मामले में नियमानुसार कदम उठाये जायेंगे। वहां बसंत पंचमी पर नियमों के मुताबिक पूजा और इबादत की अनुमति दी जायेगी।’ बता दें कि भोजशाला को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने संरक्षित कर रखा है। एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे अपनी इबादतगाह बताता है।
एएसआई की ओर से की गयी व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर जुम्मे (शुक्रवार) को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत है। संयोग से इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार (12 फरवरी) को पड़ रही है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि इस दिन भोजशाला मसले को लेकर कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो। विवादित भोजशाला में पूजा और नमाज को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच कोई सौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। बता दें कि इससे पहले भी जब-जब बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन आई है उस दौरान धार शहर में दोनों समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न होता रहा है।
विवादित जगह पर मुसलमानों को नमाज न पढ़ने देने पर अड़े हिंदू संगठन, पसोपेश में प्रशासन