पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को हिंसा भड़की थी। इस हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 118 लोगों को गिरफ्तार किया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को चार राउंड फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दो लोग घायल हो गए। बीते शुक्रवार को भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में पंद्रह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

शनिवार को भी भड़की हिंसा

शनिवार सुबह शमशेरगंज में फिर से हिंसा भड़क उठी, लेकिन उसे तुरंत नियंत्रित कर लिया गया। हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस बल और बीएसएफ की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। भवानी भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा, “हम गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम इससे बहुत सख्ती से निपटेंगे। पुलिस न्यूनतम बल का प्रयोग करती है। लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं – चाहे जो भी करना पड़े, हम स्थिति से सख्ती से निपटेंगे।”

राजीव कुमार ने कहा, “इसकी शुरुआत प्रदर्शनों से हुई, फिर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और फिर इसने सांप्रदायिक रंग ले लिया। कल रात हमने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। सुबह फिर से हिंसा भड़की और हमने फिर से स्थिति को नियंत्रित कर लिया। हम कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटते। अगर उपद्रवी कानून को अपने हाथ में लेते हैं, तो हम बहुत सख्ती से कार्रवाई करेंगे। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे अफवाह न फैलाएं।”

‘भारत बहुसंख्यकवाद के बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है…’ महबूबा मुफ्ती ने स्टालिन, ममता और सिद्धारमैया को वक्फ कानून पर लिखा पत्र

एडीजी ने दिया बयान

वहीं एडीजी (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम ने पुष्टि की कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को शुक्रवार शाम को फायरिंग करनी पड़ी। जावेद शमीम ने कहा, “सुती पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सुजरमोर क्रॉसिंग में उपद्रव शुरू हो गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध कर दिया। हमने नियमों और अपनी ड्रिल का पालन करने की कोशिश की। हमने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और सार्वजनिक संपत्ति और सार्वजनिक बसों में आग लगा दी और भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमें फायरिंग करनी पड़ी। चार राउंड फायरिंग की गई और दो लोग घायल हो गए। वे ठीक हो रहे हैं।”

एडीजी ने कहा कि पंद्रह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ की हालत बहुत गंभीर हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में निषेधाज्ञा और इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी है। इस बीच, शुक्रवार को टीएमसी विधायक मनीरुल इस्लाम के घर में तोड़फोड़ की गई और भीड़ ने उन्हें घेर लिया। इस्लाम ने कहा, “भीड़ ने पत्थर फेंके और मेरे घर में तोड़फोड़ की। मैं घर पर नहीं था। मैं प्रदर्शनकारियों से बात करने गया था और उन्होंने मुझे घेर लिया।” स्थानीय टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों के रेल पटरियों पर बैठने से ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं हैं।