माइक्रो-ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर अपनी कविताओं को ट्वीट करने के प्रयोग ने मैन बुकर पुरस्कार विजेता लेखक बेन ओकरी के शिल्प को निखारने में काफी मदद की है लेकिन इस नाइजीरियाई कवि व उपन्यासकार ने अब इस सोशल मीडिया को छोड़ दिया है। इसका कारण उन्होंने यह बताया कि साहित्य की जटिल शैलियों के साथ न्याय करने में सोशल मीडिय विफल है।

एपीजे कोलकाता साहित्य महोत्सव (एकेएलएफ) में शिरकत करने यहां आए ओकरी ने कहा, ‘‘मेरे ख्याल से मैं पहला लेखक था या उन शुरुआती लेखकों में शामिल था जिन्होंने आधिकारिक तौर पर ट्विटर पर कविताएं लिखनी शुरू कीं। ऐसा स्वाभाविक रूप से किया गया क्योंकि दोनों माध्यमों में शब्द जरूर सीमित थे लेकिन भावनाएं और विचार काफी बड़े थे। यह बहुत ही आकर्षक था।’

56 वर्षीय लेखक ने कहा कि ट्वीट करने से उनकी कविताओं पर बहुत शानदार प्रभाव पड़ा क्योंकि इससे न्यूनतम शब्दों में अधिकतम प्रभावी बात कहने की क्षमता बेहतर हुई। नाइजीरिया में जन्मे और लंदन में रहने वाले कवि व उपन्यासकार ने वर्ष 2009 में ट्विटर पर एक दिन में कविता की एक पंक्ति लिखकर एक नया प्रयोग शुरू किया। उन्होंने ट्विटर पर सबसे पहले ‘आई सिंग अ न्यू फ्रीडम’ नामक कविता पोस्ट की थी। उसके बाद उन्होंने दो और कविताएं पोस्ट कीं। वर्ष 2012 में ये तीनों कविताएं ‘वाइल्ड’ नाम के एक कविता संग्रह के रूप में सामने आर्इं। ओकरी ने कहा, ‘इसके बाद मुझे लगा कि अब बहुत हो गया। यह माध्यम बहुत सीमित था क्योंकि इस पर आप जटिल शैलियों को नहीं लिख सकते हैं।’