उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मदरसा के मौलवी अब्दुल मजीद समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह गरीब, अविवाहित और दिव्यांग लोगों को शादी और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का काम करता था। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए एक व्यक्ति को मदरसे में बंधक भी बनाया हुआ था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उसे आरोपियों के कब्जे से मुक्त कराया।

गिरफ्तार आरोपियों में फैजनगर का मौलवी अब्दुल मजीद (35), करेली निवासी सलमान (30), मोहम्मद आरिफ और फहीम शामिल हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह 13 राज्यों और 30 जिलों में फैले नेटवर्क के जरिए लोगों को फंसाता था। पुलिस के मुताबिक पेशे से दर्जी सलमान हिंदू परिवारों से मुस्लिम लड़कियों से शादी कराने के बहाने संपर्क करता था, जबकि हेयर ड्रेसर फहीम अपनी दुकान पर संभावित लक्ष्यों की पहचान कर उन्हें जाल में फंसाता था।

मदरसे से मिली आपत्तिजनक सामग्री

एक बार किसी व्यक्ति को बहकाने के बाद उसे मदरसे लाया जाता, जहां धार्मिक ग्रंथ और सीडी देकर “ब्रेनवॉश” किया जाता था। पुलिस ने छापे में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक किताबें, सीडी और धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। यह कार्रवाई अलीगढ़ निवासी अखिलेश कुमारी की शिकायत पर हुई। उन्होंने आरोप लगाया था कि मौलवी अब्दुल मजीद ने उनके बेटे और दृष्टिबाधित शिक्षक प्रभात उपाध्याय को बहकाया। उपाध्याय को मदरसे में बंधक बनाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम बदलकर ‘हामिद’ रख दिया गया। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।

पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अंशिका वर्मा ने बताया कि आरोपियों के पास से 21 बैंक खातों का पता चला है जिनमें भारी मात्रा में लेन-देन किया जाता था। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह ने कई अन्य लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराया है। फिलहाल छह ऐसे लोगों की पहचान की जा चुकी है जिनका धर्म परिवर्तन कराया गया था और उनके प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए हैं। (पीटीआई इनपुट)