रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में बजरंग दल द्वारा रैलियां निकाली गईं और इस दौरान कार्यकर्ताओं को धारदार हथियारों के साथ चलते देखा गया।राज्य के पुरुलिया में निकाली गई रैली में कार्यकर्ताओं ने हवा में तलवारें लहराईं। सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने आदेश दिया था कि शाम 4 बजे के बाद ही रैलियां निकाली जाएं और इनमें हथियारों का इस्तेमाल ना किया जाए, लेकिन बजरंग दल द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया और रैली में तलवारें लहराई गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बजरंग दल के पास हथियारों से लैस रैली निकालने की कोई परमिशन नहीं थी। रैली में नाबालिग लड़के व लड़कियां भगवान राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे।

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) की अध्यक्ष अनन्या चटर्जी ने कहा, “हमें यह रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि बच्चों ने पुरुलिया में रामनवमी रैली में हथियारों के साथ भाग लिया है। इसे लेकर हमने स्थानीय प्रशासन व पुलिस से संपर्क किया।” उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय ने स्वीकार किया कि ऐसा हुआ लेकिन जैसे ही यह सूचना मिली, पुलिस ने उनके हथियारों को ले लिया। चटर्जी ने कहा कि आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को रामनवमी के दौरान बच्चों व नाबालिगों को सशस्त्र रैली में भाग लेने से रोकने के निर्देश दिए थे क्योंकि उनकी मनोदशा पर यह प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। वहीं पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। यहां राम मंदिर महोत्सव समिति के द्वारा निकाली गई रैली में लोगों के हाथ में तलवारें देखी गईं।

एक अन्य घटना कोलकाता में भी हुई। टाइम्स नाउ के मुताबिक यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मी के बीच जमकर बहस हो गई। पुलिसकर्मी बीजेपी कार्यकर्ताओं को यह कहकर रैली निकालने से रोक रहा था कि उनके पास इसकी परमिशन नहीं है, जिससे गुस्सा होकर कार्यकर्ता पुलिसवाले से ही भिड़ गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने रैली की योजना के बारे में पुलिस को पहले ही जानकारी दे दी थी। हालांकि कार्यकर्ताओं को रैली के लिए आधिकारिक स्वीकृति नहीं मिली थी, लेकिन फिर भी उन्होंने साल्ट लेक सिटी एरिया के पास रैली का आयोजन किया।