भारतीय हॉकी टीम मलेशिया में सुल्तान अजलन शाह कप में रजत पदक हासिल करने के बाद सोमवार (18 अप्रैल) को स्वदेश लौटी। वर्ष 2010 के बाद इस साल टीम का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, टीम ने 2010 में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने जापान, कनाडा, पाकिस्तान और मलेशिया को पराजित किया लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
टीम में काफी युवा, गैर अनुभवी चेहरे थे, जिन्होंने टूर्नामेंट में 18 गोल दागे जिससे टीम गोल दागने के मामले में दूसरे स्थान पर रही। स्वदेश लौटने के बाद कप्तान सरदार सिंह ने कहा, ‘‘यह युवाओं के लिये अच्छा अनुभव था, जो पहली बार सीनियर टीम के साथ खेल रहे थे। विशेषकर हरमनप्रीत, सुरेंद्र और हरजीत ने दिखा दिया कि वे उच्च स्तर पर खेलने के लिये सक्षम हैं। ये सभी टीम में अच्छी तरह से फिट हो गये।’’
कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने भी कहा, ‘‘यह रियो ओलंपिक के लिये अच्छी तैयारी है। हमने अपनी कुछ कमियों को पहचाना, जो ऐसे टूर्नामेंट में साफ पता चल जाती हैं। अब हम इन कमियों पर काम कर सकते हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि हम ओलंपिक में मजबूत प्रदर्शन कर सकें।’’
सरदार ने हरमनप्रीत, हरजीत और सुरेंदर की तारीफ की
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने मलेशिया में सुल्तान अजलन शाह हॉकी टूर्नामेंट में हरमनप्रीत सिंह, हरजीत सिंह और सुरेंदर सिंह के शानदार प्रदर्शन के बाद इस युवा तिकड़ी के उज्जवल भविष्य की भविष्यवाणी की है। भारत ने रियो ओलंपिक से पहले अपनी बेंच स्ट्रैंथ को परखने के लिए इस टूर्नामेंट के लिए युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण वाली टीम भेजी थी।
टीम के स्वदेश लौटने पर सरदार ने सोमवार (18 अप्रैल) को कहा, ‘‘यह युवाओं के लिए अच्छा अनुभव रहा जो पहली बार सीनियर टीम के साथ खेल रहे थे। विशेषकर हरमनप्रीत, सुरेंदर और हरजीत ने दिखाया कि वे शीर्ष स्तर पर खेलने में सक्षम हैं और टीम में काफी अच्छी तरह फिट होते हैं।’’