टमाटर की कीमतों ने इस समय आसमान छुआ हुआ है। बढ़ती कीमतों की वजह से कई परिवारों की सब्जी में से टमाटर गायब हो गया है। देश में कई जगहों पर टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो का दाम पार कर चुकी हैं। टमाटर सहित अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण विपक्षी दल भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

अब अयोध्या में टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर समाजवादी पार्टी ने विरोध जताया है। सपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अयोध्या में समाजवादी टमाटर स्टॉल लगाकर ग्रामीण लोगों को 20 रुपये किलो टमाटर बेचा।

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समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की एक गरीब बस्ती बोडेपुर में यह स्टॉल लगाया।बोडेपुर में जैसे ही सपा कार्यकर्ताओं ने टमाटर बीस रुपये किलो की आवाज लगानी शुरू की तो यहां महिलाओं की लंबी लाइन लग गई।

क्यों बढ़ रही सब्जियों की कीमत?

आर्थिक समीक्षा 2023-24 में बीते सोमवार को कहा गया कि पिछले दो साल में खराब मौसम, जलाशयों के निचले स्तर और फसल क्षति ने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया है, जिससे खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति ने विशेष रूप से सब्जियों और दालों के उत्पादन की संभावनाओं को प्रभावित किया है।

पिछले वर्ष की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एकीकृत रिपोर्ट में कहा गया है, “वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कृषि क्षेत्र खराब मौसम की घटनाओं, जलाशयों के निचले स्तर और क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित हुआ है जिसने कृषि उत्पादन और खाद्य कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इसलिए, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 2021-22 के 3.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 6.6 प्रतिशत और 2023-24 में 7.5 प्रतिशत हो गई।”

सरकार ने कहा कि पिछले दो वर्षों में खाद्य मुद्रास्फीति एक वैश्विक घटना रही है। शोध से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि हो रही है – जिनमें गर्मी की लू, असमान मानसून वितरण, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश और ऐतिहासिक शुष्क परिस्थितियां शामिल हैं।