बीते कई सालों से अयोध्या में बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि का विवाद जारी है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इस केस में कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है। लेकिन इस बीच अयोध्या में ही हिंदू-मुस्लिम समुदाय ने सद्भाव की मिसाल पेश की है। यहां हिन्दुओं ने मुस्लिमों को कब्रिस्तान के लिए कब्रिस्तान के लिए दान कर दी। यही नहीं हिन्दुओं ने इस जमीन की रजिस्ट्री भी करवा दी।
गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बेलारीखान गांव के हिन्दूओं ने यह जमीन दान की है। इस जमीन पर दोनों समुदाय के बीच बीते कई सालों से विवाद था। मुस्लिल समुदाय इस जमीन को कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। स्थानीय संत सूर्य कुमार झिनकन महाराज और आठ अन्य शेयरधारकों ने विवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए 20 जून को 1.25 बीघा जमीन के लिए रजिस्ट्री पर दस्तखत कर दिए। इस तरह सालों से चला आ रहा यह विवाद खत्म हो गया।
राम प्रकाश बबलू, राम सिंगार पांडे, राम शबद, जिया राम, सुभाष चंद्र, रीता देवी, विंध्याचल और अवधेश पांडे ने रजिस्ट्री पर दस्तखत किए। झिनकन महाराज ने कहा रिकॉर्ड के अनुसार भूमि हिंदुओं की थी। यह एक कब्रिस्तान के किनारे है और मुसलमान यहां मृतकों को दफन करते हैं। इसको लेकर दोनों समुदाय के बीच विवाद और तनाव था। लेकिन अब हमने मामला सुलझा लिया है।’
कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष वैस अंसारी ने कहा यह बहुत अच्छी पहल है हम इसका स्वागत करते हैं। डीड अब कब्रिस्तान कमेटी गोसाईंगंज के पक्ष में है और इसे जल्द ही राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।”
स्थानीय विधायक खब्बू तिवारी ‘यहां हिंदू और मुस्लिम भाईचारे की परंपरा नई नहीं है। यह हिंदुओं का मुसलमानों के लिए प्यार का एक छोटा सा तोहफा था। मुझे उम्मीद है कि यह सौहार्द आगे भी बना रहेगा।’

