उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार रात प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। फैसला मुख्यमंत्री, डीजीपी आरके विश्वकर्मा और विशेष डीजी, कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार के बीच बैठक के लिया गया। इस आयोग के सदस्यों के नामों का ऐलान देर रात नहीं किया गया था।
जिला अस्पताल के अंदर पहुंचने से पहले ही गोली मारी गई
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ मोहम्मद अशरफ को उस वक्त गोली मार दी गई जब उन्हें रूटीन मेडिकल टेस्ट के लिए प्रयागराज के मोती लाल नेहरू (काल्विन) मंडलीय चिकित्सालय ले जाया जा रहा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अतीक और अशरफ से पूछताछ लगभग पूरी हो चुकी थी और नियमित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, दोनों को न्यायिक हिरासत में वापस भेजे जाने से पहले चेक-अप के लिए पुलिस सुरक्षा में अस्पताल ले जाया गया था।
हमलावरों की फायरिंग में एक कांस्टेबल भी घायल हो गया
अधिकारी ने कहा कि दोनों अस्पताल परिसर में पुलिस वैन से उतरे और पुलिस की सुरक्षा में आगे बढ़ रहे थे। दोनों अस्पताल के प्रवेश द्वार से कुछ गज की दूरी पर ही थे, जब मीडियाकर्मी उनसे सवाल पूछने के लिए एकत्र हुए। अतीक ने अभी एक सवाल का जवाब देना शुरू ही किया था कि कैमरे में उसके पीछे पिस्तौल लिए हुए एक हाथ दिखाई दिया, जो उसकी सफेद पगड़ी को बंदूक की नोक से धकेलता हुआ उसकी बाईं कनपटी पर प्वाइंट ब्लैंक रेंज से फायरिंग कर रहा था। उसी क्षण, एक और गोली अशरफ की गर्दन में बाईं ओर से लग गई और दोनों भाई जमीन पर गिर पड़े। वीडियो में अतीक एक पुलिस कॉन्स्टेबल मान सिंह का हाथ पकड़कर मजबूती से जमीन पर गिरते हुए दिखाई दिया। बदमाशों के लगातार फायरिंग करने पर एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बाद में कहा कि बंदूकधारी हमलावर मीडियाकर्मियों के भेष में वहां आए थे। शूटरों से पूछताछ की जा रही है और अभी तक उनकी पहचान नहीं की जा सकी है। मैगजीन खाली करने के कुछ सेकेंड बाद दोनों शूटरों ने हाथ खड़े कर दिए और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के सामने सरेंडर कर दिया। इस दौरान कंधे पर बैग लादे एक अन्य युवक ने भी सरेंडर कर दिया।