सरकार और प्रमुख विपक्षी दल को संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े लंबे समय से अटके संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए साथ आना चाहिए। यह बात रविवार को उद्योग मंडल एसोचेम ने कही। एसोचेम के महासचिव डीएस रावत के मुताबिक ऐसे समय में जबकि मुद्रास्फीति (खुदरा मुद्रास्फीति और थोक मूल्य मुद्रास्फीति) में तेजी और औद्योगिक वृद्धि में नरमी जैसे वृहत आर्थिक जोखिम के फिर से आने और वैश्विक-भूराजनीतिक मुश्किलें बढ़ने व औद्योगिक वृद्धि में नरमी बरकरार रहने के बीच जीएसटी विधेयक का पारित होना ऐसी नकारात्मक स्थितियों से बचा जा सकता है।

उद्योग मंडल ने कहा कि कानून का क्रियान्वयन अभी काफी दूर होगा क्योंकि कम से कम आधी राज्य विधानसभाओं को इसका अनुमोदन करने की जरूरत होगी। सबसे बड़ी बाधा राज्यसभा में होगी जहां संख्या बल अनुकूल नहीं है। इससे इस मुद्दे पर व्यापक राजनीतिक सहमति बनाना जरूरी होगा। अच्छी बात यह है कि कांग्रेस ने इस मामले में साथ आने की मंशा जाहिर की है। हम प्रमुख विपक्षी दल से अपील करते हैं कि वह सरकार के साथ अपने राजनीतिक मतभेद को अलग रखते हुए देश के सबसे अहम कर सुधार के समर्थन में आगे आए।