आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यनमाला रामकृष्णुडू द्वारा सिंगापुर में दांत का इलाज कराने के बाद नया विवाद पैदा होता दिख रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार ने अपने मंत्री रामकृष्णुडू के दांत के इलाज में लगे खर्च को लौटाने के लिए एक सरकारी ऑर्डर पास किया गया है, जिसके बाद से ही प्रदेश में नया विवाद पैदा हो गया है।
रामकृष्णुडू ने इस साल अप्रैल में सिंगापुर में अपने दांत का रूट कैनाल कराया था, जिसमें करीब तीन लाख यानी 2.88 लाख रुपए का खर्च आया था। इस मेडिकल खर्च की अदायगी आंध्र प्रदेश सरकार ने राजकोष से करने का फैसला सुनाते हुए आदेश जारी किया है। यानी मंत्री के इलाज में हुए खर्चे की जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश सरकार ने ली है। सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई है कि आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री यनमाला रामृकष्णुडू ने 12 अप्रैल 2018 के दिन सिंगापुर के 22 सिक्स्थ एवेन्यू में स्थित एजुरे डेंटल क्लिनिक में रूट कैनाल कराया था, जिसमें उन्हें 2.88 लाख रुपए का खर्च आया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले चुनाव में अपने एफिडेविट में 9 करोड़ की संपत्ति होने का खुलासा करने वाले मंत्री यनमाला को सरकार द्वारा एनटीआर वैद्य सेवा ट्रस्ट से 2.88 लाख रुपए मेडिकल रिम्बर्समेंट के तौर पर दिए गए हैं, जबकि एनटीआर वैद्य सेवा की शुरुआत आंध्र सरकार ने गरीबों के इलाज के लिए की थी।
23 अगस्त को जारी किए गए सरकारी आदेश में यह बताया गया है कि मंत्री के सेक्रेटरी द्वारा उनके मेडिकल बिल्स 17 जुलाई को सरकार के पास भेजे गए थे और इसके लिए रिम्बर्समेंट की अपील की गई थी। उसके बाद इस अपील को गुंटूर स्थित एनीआर वैद्य सेवा ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास भेजा गया था, जिन्होंने बिल की जांच करने के बाद 7 अगस्त को यह जानकारी दी कि मंत्री जी को मेडिकल रिम्बर्समेंट दिया जाएगा।
सरकार द्वारा 3 लाख रुपए मेडिकल रिम्बर्समेंट के तौर पर मंत्री जी को दिए जाने का आदेश जारी करने के बाद से ही विपक्ष द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि इस वक्त राज्य में वित्तिय समस्या चल रही है तो फिर मंत्री को तीन लाख रुपए का मेडिकल रिम्बर्समेंट क्यों दिया जा रहा है। इस मामले में टीडीपी ने सफाई देते हुए कहा, ‘सिंगापुर जाने से पहले रामकृष्णुडू हैदराबाद में एपी डेंटल हॉस्पिटल में डॉ. कड़ियाला राजेंद्र से इलाज करवा रहे थे। सिंगापुर में उन्हें अचानक से असहनीय दर्द शुरू हो गया, क्योंकि हैदराबाद में उनका इलाज अभी अधूरा था। अपने दर्द से छुटकारा पाने के लिए वह सिंगापुर के अस्पताल गए। सिंगापुर में इलाज का खर्चा काफी ज्यादा है, लेकिन रामकृष्णुडू को काफी समस्या हो रही थी, इसलिए उन्हें वहीं इलाज कराना पड़ा।’