अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमृतपाल सिंह को पुलिस ने मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया है। रोडे गांव पंजाब के इतिहास में पहली बार चर्चा में नहीं आया है। अमृतपाल सिंह ने यूं ही गिरफ्तारी के लिए रोडे गांव का सिलेक्शन नहीं किया। दरअसल रोडे गांव में ही जरनैल सिंह भिंडरवाले का जन्म हुआ था।

कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह ने जानबूझकर गिरफ्तारी के लिए रोडे गांव को चुना ताकि वो खुद को दूसरा भिंडरवाले साबित कर सके। रोडे गांव के गुरुद्वारे में गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने लोगों को प्रवचन देते हुए एक वीडियो भी शूट करवाया है। उसका कहना है कि पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी मामले लगाए हैं।

कैसे सुर्खियों में आया अमृतपाल?

दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल सिंह ने दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ को अपने हाथों में ले लिया। शुरू में अमृतपाल सिंह सिख युवाओं के बीच धर्म का प्रचार करता था। उसने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में ईसाई बन चुके सिख युवाओं की ‘घर वापसी’ के लिए कार्यक्रम किए।

दिसंबर 2022 में अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ जलंधर में दो गुरुद्वारों में फर्नीचर तोड़ दिया। वह महंगी गाड़ियों के काफिले में चलता था और हथियारों का खुलकर प्रदर्शन करता था।

इस साल फरवरी में अजनाला में पुलिस थाने पर हमला कर अमृतपाल सिंह ने पंजाब पुलिस को चैलेंज किया। इसके बाद मार्च में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ ऑपरेशन चलाया, जिसमें वह पुलिस को चकमा देने में सफल रहा। ऑपरेशन के 36 दिन बाद रविवार 23.4.23 को पंजाब पुलिस ने उसे रोडे गांव से गिरफ्तार किया।