मानराज ग्रेवाल शर्मा

पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। ये लोग अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने बंदूक, तलवार और लाठियां लेकर अमृतसर थाने पर चढ़ाई कर दी। हालांकि, अधिकारियों द्वारा लवप्रीत को रिहा किए जाने के आश्वासन के बाद भीड़ ने हंगामा बंद कर दिया।

अमृतसर में अमृत प्रचार अभियान चला रहा अमृतपाल

अमृतपाल सिंह, अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह साल 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था और वहां से हाल ही में भारत वापसी की थी। अब वह खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख है। वह अमृतसर में अमृत प्रचार अभियान चलाता है। उसका कहना है कि यहां नशे की लत छुड़ाने के लिए मुफ्त इलाज किया जाता है। उसका कहना है कि नशेड़ियों का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं, योग, आहार, सेवा (सेवा) और शबद-कीर्तन (गुरबानी पाठ) के मिश्रण से किया जाता है और यह निशुल्क सेवा है।

बेटे पर गर्व कि वह लोगों की नशे की लत छुड़ाने के लिए काम कर रहा

अमृतपाल की मां बलविंदर कौर का कहना है कि उन्हें अपने बेटे और उसकी सेवा पर गर्व है। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि वह अमृत संस्कार (बपतिस्मा) कर रहा है और लोगों की नशे की लत छुड़ा रहा है।” इसमें वह भी अपने बेटे के साथ हैं और वह अपने बेटे के साथ रहने वाले 15-16 युवाओं के लिए खाना बनाती हैं। वह कहती हैं कि उनके बेटे को परिवार का पूरा समर्थन प्राप्त है।

खालिस्तान की मांग को लेकर उन्होंने कहा, “सिखों के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है। बंदी सिंह (सिख कैदी जिन्हें पंजाब में उग्रवाद में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था और अभी भी जेल में हैं) को रिहा क्यों नहीं किया जा रहा है?” वहीं, अमृतपाल को अपने गांव में लोगों का भी काफी समर्थन है। हालांकि, खालिस्तान की मांग को लेकर लोगों की यहां अलग-अलग राय है। यहां रहने वाले एक फौजी ने कहा, “खालिस्तान का मतलब शुद्ध भूमि है, इसका मतलब अलग राज्य नहीं है।” एक अन्य स्थानीय ने कहा, “अमृतपाल खालसा (बपतिस्मा के माध्यम से) बना रहा है, वह खालिस्तान नहीं बना रहा है। गुरु नानक ने कहा था कि पूरा शब्द उनका था।”

वहीं, यहां रहने वाला एक दंपति खालिस्तान के लिए समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से बाहरी लोग हैं जो गुरुद्वारे में अमृतपाल के दरबार में आते हैं। वहीं, अमृतपाल के सहयोगी लवप्रीत का कहना है कि “हम भारत से अलग होने की मांग नहीं कर रहे हैं, हम बस अपने निर्णय लेने के लिए अधिक शक्ति चाहते हैं।” यहां कई लोगों का कहना है कि मीडिया इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रही है। गांव वालों का कहना है, “पुलिस कमिश्नर ने खुद कहा था कि लवप्रीत तूफान निर्दोष था … वह (अमृतपाल) गुरु ग्रंथ साहिब को एक पालकी में ले गया, कोई अनादर नहीं था। अमृतपाल अमृत संचार करता है, इसलिए वे उसे लेने निकले हैं।”