अपनी टीम के कई नेताओं को सपा से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के परिणामों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जाने के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि ‘समाजवादी परिवार’ में कोई मनमुटाव नहीं है और वह पहले जैसा एकजुट था, अब भी वैसा ही है।
अखिलेश ने राज्य मंत्रिमण्डल की महत्वपूर्ण बैठक के बाद संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कहा ‘‘तमाम चर्चाएं हुई हैं, ना केवल प्रदेश में बल्कि देश में भी। मैं जनता, प्रेस, और पार्टी नेताओं तथा पदाधिकाारियों के सामने कहूंगा कि यह समाजवादी परिवार जैसा था, वैसा ही है और रहेगा।’
उन्होंने कहा ‘‘आने वाले समय में हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। हम समाजवादी परिवार के लोग हैं। कुछ साम्प्रदायिक ताकतें हैं, जो घुसना चाहती हैं किसी रास्ते से। हम सब मिलकर राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाकर काम करेंगे। आगामी चुनाव के बाद सपा की फिर से सरकार बनवानी है।’
अखिलेश ने राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये निर्णयों की भी संक्षिप्त जानकारी दी, मगर वह मीडिया के सवालों से बचते नजर आये। इस दौरान उनके चाचा वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव भी मुख्यमंत्री के साथ खड़े थे। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले सरकारी वकीलों की फीस और भत्ते बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही आने वाले समय में जिला स्तर पर सरकारी अधिवक्ताओं के भी ये लाभ उसी अनुपात में बढ़ाए जाएंगे।