दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पहली कटऑफ के आधार पर स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले का गुरुवार को अंतिम था। इस साल पहली कटऑफ के आधार पर बंपर दाखिले हुए। गुरुवार दोपहर तीन बजे तक करीब 12 हजार से अधिक दाखिले के आवेदन स्वीकृत हो चुके थे और कॉलेजों में प्रवेश लेने वालों की भीड़ लगी हुई थी। डीयू में स्नातक स्तर पर करीब 56 हजार सीटें हैं, इस हिसाब से दोपहर तीन बजे तक 20 फीसद से ज्यादा सीटें भरी जा चुकी थीं। 8900 से अधिक विद्यार्थियों ने फीस का भुगतान भी कर दिया था।
उत्तर परिसर में मौजूद श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में बीकॉम ऑनर्स और अर्थशास्त्र ऑनर्स में कुल 624 सीटें हैं जिनमें से 519 पर पहली कटऑफ के बाद प्रवेश हो चुके थे। कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में 420 और अर्थशास्त्र ऑनर्स में 99 सीटें भर चुकी हैं। एसआरसीसी की प्राचार्य डॉक्टर सिमरित कौर ने बताया कि उनके यहां 80 फीसद सीटें भर चुकी हैं। दूसरी कटऑफ में सामान्य वर्ग के लिए मामूली कमी होगी। अर्थशास्त्र में अनुसूचित जाति वर्ग की सभी सीटें भरने की वजह से दूसरी कटऑफ जारी नहीं होगी। दक्षिण परिसर में मौजूद आत्माराम सनातन धर्म (एआरएसडी) कॉलेज में पहली कटऑफ के आधार पर करीब 33 फीसद सीटें भर गर्इं। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर ज्ञानतोष कुमार झा ने बताया कि हमारे यहां पहली कटऑफ के आधार पर 1179 में से 325 सीटें भर गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल पहली कटऑफ के बाद करीब 200 सीटें ही भर पाई थीं। पिछले साल के मुकाबले पहली कटऑफ के आधार पर बढ़े दाखिलों पर उन्होंने बताया कि इस बार कॉलेजों ने कटऑफ को वास्तविक रखने की कोशिश की थी। यही वजह रही है कि पहली कटऑफ के आधार पर बंपर दाखिले हुए हैं। डॉक्टर झा ने बताया कि उनके यहां भौतिक शास्त्र ऑनर्स और रसायन शास्त्र ऑनर्स में दाखिले पूरे हो गए हैं और इन पाठ्यक्रमों की दूसरी कटऑफ जारी नहीं की जाएगी।

मिरांडा हाउस में गुरुवार तक 575 सीटों पर प्रवेश हो चुके थे। कॉलेज में कुल 1052 सीटें हैं। हिंदू कॉलेज की कुल 752 सीटों में से पहली कटऑफ के आधार पर 558 सीटें भर चुकी थीं। लेडी श्रीराम कॉलेज में 813 सीटों में से 535 सीटों पर दाखिले हो गए। गार्गी कॉलेज में 531 सीटों पर दाखिेल हुए जबकि यहां कुल सीटें 1391 हैं। श्री अरविंदो कॉलेज में कुल 1050 सीटों में से 170 सीटें भर चुकी थीं। दूसरी कटऑफ 25 जून को आएगी। डीयू ने कॉलेजों से कहा है कि वे पहले ही अपनी कटऑफ पोर्टल पर डाल दें ताकि अन्य कॉलेज उस कटऑफ को देखकर अपनी कटऑफ में बदलाव कर सकें। डीयू ने वास्तविक कटऑफ जारी करने के लिए इस बार नया तंत्र विकसित किया है। डीयू में अभी 80 फीसद के करीब सीटें खाली हैं। इसलिए मौकों की कोई कमी नहीं रहेगी।

