श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकताओं ने सिनोमाघरों को फिल्म ‘पद्मावत’ की एडवांस बुकिंग बंद करने पर मजबूर कर दिया है। पटना में करणी सेना के कार्यकर्ताओं के विरोध और धमकी के मद्देनजर सिनेमाघरों ने फिल्म की ऑनलाइन बुकिंग करनी बंद कर दी है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “करणी सेना के डर से सिनेपोलिस ने न सिर्फ ‘पद्मावत’ की बुकिंग बंद कर दी, बल्कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा कर्मचारियों को धमकाने के बाद हो चुकी 50 बुकिंग रद्द भी कर दी।” तीन अन्य सिनोमाघर जो विवादित फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने अब तक लोगों को संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म की एडवांस बुकिंग के बारे में सूचित नहीं किया है।
गया जिले में करणी सेना के समर्थकों द्वारा हिंसा फैलाए जाने के भय से सभी सिनेमाघरों के मालिकों ने ‘पद्मावत’ नहीं दिखाने का फैसला किया है। भागलपुर और पूर्णिया जिलों में भी सिनेमाघरों के मालिकों ने फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया है। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सिनेमाघरों को ‘पद्मावत’ नहीं दिखानी चाहिए। पिछले 10 दिनों में राजपूत संगठन के कार्यकताओं ने फिल्म के विरोध में राज्यभर में प्रदर्शन किया है।
पुलिस ने कहा कि बीते सप्ताह, मुजफ्फरपुर जिले के एक सिनेमाघर में कुछ कार्यकताओं ने हमला किया था और ‘पद्मावत’ के पोस्टर फाड़ते हुए धमकी दी थी कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो वे सिनेमाघर को आग के हवाले कर देंगे। हालांकि, पुलिस द्वारा हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी बाकी है। जिला प्रशासन के मुताबिक, पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी। जनता दल (युनाइटेड)-भाजपा की अगुवाई वाली नीतीश सरकार ने अब तक फैसला नहीं किया है कि फिल्म राज्य में रिलीज होगी या नहीं।
वहीं, ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने संबंधी मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। इसके बाद यहां कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए। आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर राज्य के सिनेमाघरों में फिल्म चलने नहीं देंगे। राज्य में ‘पद्मावत’ फिल्म को लेकर बढ़ते विरोध के मद्देजनर राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय गई थी, लेकिन न्यायालय ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।
