भागलपुर पुलिस आईजी रेंज के जमुई खैरा के गिद्धेश्वर जंगल में सीआरपीएफ की 207 कोबरा बटालियन के जवानों ने एक हार्डकोर नक्सली को मार गिराया। जमुई के एसपी जे रेड्डी ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही कहा कि मारे गए नक्सली की अभी शिनाख्त नहीं हुई है। उसके पास से एक एके 47 और एक स्वचालित रायफल (एसएलआर), मैगजीन, विस्फोटक सामग्री, नक्सली साहित्य व दूसरे सामान बरामद हुए है। मृतक जो जैकेट पहने है वह पुलिस या अर्ध्यसैनिक बल की नहीं है। ऐसा एसपी ने बताया। मगर पुलिस के भरोसे लायक सूत्रों के मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए नक्सली का नाम पिंटू राणा है। यह नक्सली संगठन की जोनल कमिटी का सक्रिय सदस्य है। इस पर पचास हजार रुपए का इनाम घोषित था।

एसपी के मुताबिक शनिवार को जमुई खैरा के जंगल में नक्सलियों के इकठ्ठे होने की खुफिया जानकारी सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन को मिली। दोपहर जंगल की घेराबंदी कर शाम ढलने का इंतजार किया गया। अंधेरा होने के बाद जंगल तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान नक्सलियों का एक गुट आमने सामने हो गया और ताबड़ तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवानों ने भी जबावी फायरिंग की। इसी में एक नक्सली मारा गया।

एसपी ने और किसी नक्सली या जवान के हताहत होने से इंकार किया है। जंगल में अब भी खोजबीन अभियान जारी है। सूत्र बताते है कि पिंटू राणा बिहार के जमुई , बांका और झारखंड के कई ज़िलों में नक्सली वारदात को अंजाम देने में माहिर माना जाता था। पुलिस थानों में इसके खिलाफ नामजद कई मामले दर्ज है। जिनमें पुलिस को इसकी तलाश थी। पुलिस गिरफ्त से यह फरार था। तभी पुलिस ने इसपर इनाम घोषित कर रखा था।

यहां ध्यान देने की बात यह भी है कि मृतक नक्सली के कब्जे से मिली एके 47 रायफल से यह बात भी पुख्ता हुई है कि मुंगेर के हथियार तस्करों के तार नक्सलियों से भी जुड़े है। यह भी जांच का विषय है कि जबलपुर केंद्रीय आयुद डिपो (सीओडी) से खराब एके 47 स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर के मार्फ़त रिटायर आर्मर पुरुषोत्तम लाल रजक ने सुधार कर मुंगेर के हथियार तस्करों को बेची गई 70 एके 47 राइफलों में से यह तो नहीं है। अब तक मुंगेर पुलिस 21 एके47 रायफल और पांच सौ से ज्यादा इसके बनाने के पुर्जे बरामद कर चुकी है। इस सिलसिले में छह मामले दर्ज कर 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब इस मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजंसी (एनआईए) कर रही है। बरामद एके47 से यह भी साफ होता है कि बाकी भी नक्सली संगठनों या दूसरे उग्रवादी गतिविधि संचालित करने वालों के हाथ यह प्रतिबंधित हथियार है। जिनको भी ढूंढ निकालना एनआईए के लिए बड़ी चुनौती है। बहरहाल जमुई के जंगलों में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का सर्च ऑपरेशन जारी है।