राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित खूबसूरत लुकेशन माउंट आबू के पास वन क्षेत्र में भीषण आग लगी है, जिस पर काबू पाने के लिए वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर को लगाना पड़ा। जिला कलेक्टर अभिमन्यु कुमार ने बताया कि आग सुबह लगी और यह कई किलोमीटर तक फैल गई। पोटो देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आग लगने से इस क्षेत्र की खूबसूररती भी फीक पड़ गई है। प्रशासन आग बुझाने के लिए एक एमआई 17 वी 5 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहा है। आग से प्रभावित इलाका राज्य के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू के पास है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जोधपुर के फलोदी स्थित हेलीकॉप्टर इकाई भीषण आग को बुझाने के लिए राज्य सरकार का फोन कॉल आने पर हरकत में आ गई। आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के 13 जंगलों में भी भीषण आग लगी थी। तब भी आग पर काबू पाने के लिए उत्तराखंड के जंगलों भारतीय वायुसेना ने Mi-17 हेलिकॉप्टर भी लगाया था। इसके अलावा, हालात पर नजर रखने के लिए एक 11 सदस्यों की टीम भी लगाई गई थी।तब एनडीआरएफ ने आग पर काबू पाने के लिए अपनी तीन टीमें लगाईं थी। उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उत्तरखंड सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही साथ हर मुमकिन मदद देने का आश्वासन भी दिया है। बता दें कि आग की वजह से फरवरी से अब तक 13 जिलों में 1900 हेक्टेयर का वन्य इलाका नष्ट हो गया था।
Forest fire that broke out today afternoon in hills around Mt Abu town progressing towards inhabited areas assisted by winds. op underway. pic.twitter.com/p2h0LP6Vhz
— ANI (@ANI) April 14, 2017
#WATCH: IAF helicopter carries out fire fighting operations with underslung Bambi Bucket in the hills around Mount Abu in Rajasthan pic.twitter.com/sElXuY5xRz
— ANI (@ANI) April 14, 2017
Jungle Fire @MountAbu pic.twitter.com/MyTrLHzqi0
— Mount Abu (@MountAbu) April 14, 2017
Clip: IAF helicopter carries out fire fighting operations with underslung Bambi Bucket in the hills around Mount Abu pic.twitter.com/OvBk5YP4dt
— DeshGujarat (@DeshGujarat) April 14, 2017
A massive #ForestFire #doused @MountAbu town by #IAF MI-17V5 helicopter today @SpokespersonMoD @indiannavy pic.twitter.com/aiVqZrJgIA
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 14, 2017
एनडीआरएफ की टीम के पास वॉटर टैंक, फ्लोटिंग पंप और मेडिकल सेटप भी था। इन टीमों को अलमोड़ा, पौड़ी और चमोली जिलों में लगाया गया था। बता दें कि आग की वजह से न केवल जंगल तबाह हुए हैं, बल्कि कई लोगों की मौत भी हो गई थी। बीते साल अप्रैल में कुमाऊं के जंगलों में आग लगने की करीब 325 घटनाएं हुईं थी। इससे करीब 675 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया था। आग से वन संपदा और जैव विविधता को भारी नुकसान पहुंचा था। वन्य जीव जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। आग से पहाड़ का तापमान चार-पांच डिग्री बढ़ गया था। कई इलाकों बीएसएनएल की केबिल जल गई थी। आग में कई लोगों के मरने और दजर्नों लोगों के झुलसने की खबर थी।
