प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल जॉर्ज बेंजामिन की 94 वर्षीय विधवा की पारिवारिक पेंशन को बहाल करने के निर्देश जारी किए हैं। कर्नल बेंजामिन की मौत करीब 30 साल पहले हुई थी, लेकिन महिला को अब तक पेंशन नहीं मिली। ऐसे में हेबे बेंजामिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि अपनी पेंशन बहाल कराने के लिए वे 29 साल से रक्षा मंत्रालय को पत्र लिख रही हैं, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया।
पेंशन की उम्मीद खो चुकी थी : इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में हेबे ने बताया कि ‘‘मैं उम्मीद खो चुकी थीं। आखिर में मैंने पीएम को पत्र लिखकर पेंशन बहाल कराने का अनुरोध किया। मेरे पति कर्नल बेंजामिन ने सेना की सेवा गर्व से की थी। रिटायरमेंट के बाद वे परिवार सहित इज़राइल शिफ्ट हो गए, लेकिन उनके निधन के बाद मुझे पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही थी।’’ हेबे ने कहा कि मेरे पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मैंने अपने दोस्त मनदीप कांत के माध्यम से रक्षा मंत्रालय को कई पत्र भेजे, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
पीएम के दखल से सुलझा मामला : पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद हेबे बेंजामिन को 29 साल बाद पेंशन मिलेगी। माना जा रहा है कि यह रकम 75 लाख रुपये से ज्यादा हो सकती है। यदि अब तक के वेतन आयोगों का ब्याज मिला दिया जाए तो यह रकम करीब 1 करोड़ रुपए तक हो सकती है। बता दें कि कर्नल बेंजामिन ने कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स में सेवा दी थी और 1966 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका भारतीय आयोग (आईसी) नंबर 2003 था। इस मतलब है कि वे स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना में नियुक्त होने वाले 2003वें अफसर थे।
1990 से नहीं मिली पेंशन : हेबे ने बताया कि मेरे पति का निधन 1990 में हो गया था। उसके बाद उनकी पेंशन रोक दी गई। मैंने पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग के हिसाब से एरियर की मांग की, लेकिन 29 साल की पेंशन पर ब्याज देने से इनकार कर दिया गया। 1998 में हेबे को प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (पेंशन) (पीसीडीए) इलाहाबाद से एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया कि इस मामले में राष्ट्रपति के फैसले के बाद ही पेंशन जारी की जा सकती है। हेबे और उनकी बेटी ने इजराइल स्थित भारतीय एंबेसी से भी मदद मांगी, लेकिन 24 जुलाई 2018 तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। हेबे परिवार को अब 31 जनवरी तक पेंशन मिलने की उम्मीद है।