नया मोटरयान कानून 2019 लागू होने के छह दिनों के अंदर बिहार में साढ़े चौरासी लाख रुपए से ज्यादा की वसूली बतौर जुर्माना हुई है। यह आंकड़ा राज्य परिवहन महकमा ने जारी किया है। जो छह सितंबर तक का है। नया संशोधित कानून एक सितंबर से पूरे देश में प्रभावी है। नए कानून की चपेट में आने वाले कई बेहिसाब जुर्माना की राशि की वजह से मारपीट पर भी उतारू हो रहे है।
इसकी ताजा मिसाल भागलपुर के घुरनपीर बाबा चौक के नजदीक शनिवार शाम देखने को मिली। जब एक स्कूटी पर तीन सवारों को एक महिला कांस्टेबल ने रोकने की कोशिश की। वे तीनों अव्वल तो उनसे उलझ गए। और धक्का-मुक्की करने लगे। उनका बचाव करने आए सहायक अवर पुलिस निरीक्षक विद्याभूषण चौबे और सिपाही सूर्य संगम की भी पिटाई कर दी। और महिला कांस्टेबल के हाथ से स्कूटी की चाबी छीन स्कूटी समेत फरार हो गए।
यातायात डीएसपी आरके झा बताते है कि घायल पुलिस कर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। और फरार तीनों की शिनाख्त सीसीटीवी फुटेज को खंगाल करने की कोशिश की जा रही है। बहरहाल थाना बरारी में घटना के बाबत अनाम प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसी तरह सहरसा में भी एक 13 साल के लड़के ने पुलिस वाले को चकमा देकर भागने के चक्कर में धक्का मार दिया। उसको भी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। उसे पैर में आठ टांके इलाज के दौरान लगे है। ऐसी वारदातें राज्य के दूसरे हिस्से में भी हुई है। इससे जाहिर है हिंसा होने का भी खतरा बढ़ा है।
राज्य के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक छह सितंबर तक राज्य में 7602 चालान काटे गए और उनसे 84 लाख 58 हजार रुपए बतौर दंड वसूला गया। जिनमें 28,500 रुपए एक चालान से सहरसा में एक नाबालिग से लिया गया। 25 हजार रुपए कम उम्र में वाहन चलाने का, एक हजार बिना हेलमेट के, पांच सौ रुपए यातायात नियम तोड़ने के, दो हजार रुपए कानून पालन न करने के वसूले गए। यह रकम वसूली गई सबसे अधिक है।
वैसे कम उम्र के बालकों के बाइक चलाने के सात मामले सामने आए है। तीन सहरसा, एक-एक बांका कटिहार, मधुबनी और औरंगाबाद में। शनिवार को दो कम उम्र के लड़के वाहन चलाते पकड़े गए है। उन्हें नए कानून की दफा 199 (ए) और (बी) के तहत चालान किया गया है। उनके जब्त दुपहिए वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के रद्द करने की प्रक्रिया की जा रही है। साथ ही उनके पचीस साल की उम्र पूरा होने तक लर्निंग लाइसेंस भी जारी नहीं हो सकेगा।
इधर परिवहन महकमा ने राज्य के सभी जिला परिवहन दफ्तर को इतवार को भी खुला रखने का आदेश दिया है। मगर भागलपुर का दफ्तर ईश्वर के भरोसे ही है। ज़िला परिवहन अधिकारी अरुण कुमार सिंह से इस संवाददाता ने उनके मोबाइल पर इस बाबत संपर्क करने की कई दफा कोशिश की । मगर उन्हेंने फोन रिसीव करना जरूरी नहीं समझा। खैर जो हो भागलपुर में पुलिस के भरोसे नए कानून को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
