उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जंगल से निकले एक तेंदुए ने घर में सो रहे बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चे पास तेंदुए ने एक मासूम पर हमला कर दिया। बच्चे की चीख सुनकर साथ में सोए अधेड़ की नींद खुली, तो मंजर देख उनके होश उड़ गए। 55 साल के कुंजीलाल ने साहस दिखाया और तेंदुए से भिड़ गए। करीब 25 मिनट चले इस संघर्ष में कुंजीलाल ने तेंदुए के जबड़ों में फंसे अपने पोते को मौत के मुंह से बचा लिया। तेंदुए के इस तरह हमले से गांव में अफरा तफरी मच गई। ग्रामीणों के मुताबिक कुंजीलाल करीब 25 मिनट तक तेंदुए से लड़ते रहे। इलाके में उनकी बहादुरी की चर्चा है। हालांकि दोनों तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग को तेंदुए के हमले की सूचना दी, इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम ने कुंजीलाल व कमल नयन को तत्काल सुजौली स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को सीएचसी मोतीपुर रेफर कर दिया। दोनों की स्थिति अभी काफी नाजुक बनी हुई है। इलाके के वन विभाग ने पीड़ित बुजुर्ग को रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाएगा।
Bahraich: A man injured after he fought off a leopard which had entered his house last night in Katarniaghat, his grand son also sustained injuries. Forest Officer of the region says 'The man will be considered for Rani Laxmi Bai Award for his bravery'. pic.twitter.com/IqjBtyNZgu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 8, 2018
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने बताया कि कुंजीलाल और तेंदुए के बीच काफी देर तक संघर्ष हुआ है। लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। कतर्नियाघाट अभ्यारण्य के प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने कहा कि, ‘ग्रामीण और उसके पोते पर तेंदुए ने हमला किया है। घायलों का इलाज चल रहा है और जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा। ग्रामीणों को रात के अंधेरे में घरों से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है। यदि बहुत आवश्यक हो तो समूह में निकलना चाहिए।’
