यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के अवैध बूचड़खानों को बैन करने के नक्शे कदम पर अब बाकी बीजेपी शासित राज्य भी चलने लगे हैं। मंगलवार को राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सरकार ने अवैध बूचड़खानों और दुकानों को बंद करने के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद हरिद्वार में 3, रायपुर में 11 और इंदौर पर 1 मीट की दुकान को सील कर दिया गया। वहीं जयपुर में लगभग 4,000 अवैध दुकानें बंद कर दी गईं। नगर निगम ने अप्रैल से ऐसी दुकानों और बूचड़खानों पर कार्रवाई की घोषणा की है। मीट बेचने वालों ने दावा किया है कि इन 4 हजार दुकानों में से 950 वैध थे, लेकिन कॉरपोरेशन ने पिछले साल 31 मार्च के अब तक उनका लाइसेंस रिन्यू नहीं किया है।
टाइम्स अॉफ इंडिया को जेएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस इसलिए नहीं रिन्यू किया जा सका, क्योंकि निकाय संस्था ने लाइसेंस फीस को 10 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी, लेकिन अब तक इसका गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। न्यू जयपुर मीट असोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल रकुल ने बताया कि स्थानीय निकायों के निदेशालय ने लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी की फाइल को क्लियर करके उसे वापस जेएमसी भेज दी थी। उन्होंने कहा कि यह हमारी गलती नहीं है। हमने लाइसेंस रिन्यू के लिए आवेदन दाखिल किया था, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। हम जेएमसी के इस कदम का विरोध करेंगे।
जेएमसी के एक सूत्र ने कहा कि सिर्फ अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों पर ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं जेएमसी के एक वरिष्ठ अफसर ने टीओआई को कहा कि जिन्होंने पहले लाइसेंस मिल चुके हैं, उन्हें कुछ नहीं कहा जाएगा, लेकिन अगर कानून के तहत बूचड़खाने काम नहीं कर रहे होंगे, तो उनके खिलाफ एेक्शन लिया जाएगा। वहीं हरिद्वार में कई गई रेड में प्रशासन ने पाया कि 6 में से सिर्फ 3 दुकानों पर ही वैध लाइसेंस था। बाकी गैर-कानूनी तरीके से चल रही थीं। छत्तीसगढ़ में रायपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन जोन-2 के कमिश्नर आरके डोंगरे ने 11 अवैध मीट की दुकानों को तीन दिनों में बंद करने का आदेश दिया है, वरना दुकानों को सील कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुकान के मालिक कचरे को सड़क के किनारे या सीधे सीवर में फेंक देते थे, जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा था।

