उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक 35 वर्षीय महिला को कथित तौर पर बलात्कार के बाद चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। हादसे में महिला को अपना दायां पांव भी खोना पड़ा। महाराष्ट्र के बाद रेलवे से जुड़े सबसे अधिक अपराधों यूपी में दर्ज किए जाते हैं। महिला के बलात्कार की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। गवर्मेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अनुसार महिला ट्रेन से गिर गई और दुर्घटना में उसका पांव कट गया। जीआरपी के अधिकारी सुधीर सिंह ने रविवार को कहा, “हम मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” दर्द से कराहती हुई महिला जिले के खाझाखुर्द रेलवे स्टेशन के निकट ग्रामीणों को पटरियों के किनारे पड़ी हुई मिली। महिला के शरीर पर कपड़े नहीं थे जिससे बलात्कार की आशंका प्रबल होती है।

महिला का आरोप है कि वो तमसा पैसेंजर ट्रेन से अपने जौनपुर के शाहगंज स्थित घर जा रही थी। महिला के अनुसार शनिवार रात दो लोगों ने उसके संग बलात्कार करने के बाद उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया। ग्रामीण महिला को पहले स्थानीय अस्पताल में ले गए लेकिन उसकी स्थिति चिंताजनक होने के कारण उसे वाराणसी स्थानांतरित कर दिया गया। इसी महीने राज्य के बरेली जिले में एक छात्रा को एक व्यक्ति ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। पिछले महीने राज्य के बलिया जिले में एक महिला से लूट के बाद उसे ट्रेन से फेंक दिया गया था।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार साल 2011 से 2015 के बीच रेलवे में होने वाले अपराधों में 52 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। एनसीआरबी के अनुसार साल 2011 में 25,737 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2015 में 39,239 मामले दर्ज किए गए। राज्यवार आंकड़ों के अनुसार रेलवे में सबसे अधिक अपराध महाराष्ट्र में होते हैं। उत्तर प्रदेश इस मामले में दूसरे स्थान पर है। ट्रेनों में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य की होती है जिसे वो जीआरपी के माध्यम से पूरा करते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार औसतन 2000 ट्रेनों में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान सुरक्षा के  लिए तैनात होते हैं।