उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में गुमशुदा बच्चों की तलाश और उनके पुनर्वास के लिए आॅपरेशन स्माइल चलाया है। वैसे तो पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना होता है, परंतु उत्तराखंड पुलिस ने अपने आत्मसंतोष के लिए यह अभियान शुरू किया। इसकी तारीफ की जा रही है। आॅपरेशन स्माइल ने उत्तराखंड पुलिस का मानवीय चेहरा उजागर किया है। बीस दिन की मशक्कत के बाद पुलिस ने 173 बच्चों को खोज निकाला। इनमें से 135 बच्चों को उनके परिवार वालों को सौंपा जा चुका है। बाकी बचे 38 बच्चों को पुनर्वास के लिए विभिन्न जिलों के बालगृह में दाखिल किया गया है और उनके परिवार वालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बरामद बच्चों में काफी बड़ी तादाद में ऐसे बच्चे भी हैं जो काफी समय से अपने परिजनों से बिछुड़े हुए थे।
उत्तराखंड पुलिस को आॅपरेशन स्माइल के दौरान बिहार, उत्तरप्रदेश, पंजाब, मुंबई, असम, कोलकाता, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, नेपाल तथा अन्य राज्यों से 18 बच्चे बरामद हुए हैं। इनमें उत्तरप्रदेश से दो, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा से एक-एक गुमशुदा बच्चे को बरामद किया गया है। उत्तराखंड पुलिस के सूत्रों के मुताबिक राज्य के कई बच्चे फिल्म स्टार बनने की चाहत में घरवालों को बिना बताए मुंबई चले गए थे, जबकि मध्यम और उच्च परिवार वर्ग के कुछ बच्चे माता-पिता द्वारा पढ़ाई-लिखाई के लिए जोर देने से तंग आकर घर छोड़कर उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली चले गए थे। आॅपरेशन स्माइल के तहत पकड़े गए बच्चों की उम्र 6 से 18 साल तक के बीच की है।
उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी की पहल पर राज्य पुलिस ने आॅपरेशन स्माइल जोर-शोर से शुरू किया है। यह अभियान अभी भी जारी है। राज्य पुलिस की कई टीमें सूबे के विभिन्न जिलों तथा अन्य राज्यों में गुमशुदा बच्चों की तलाश में गई हुई हैं। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, उधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत में आॅपरेशन स्माइल टीमें बनाई गई है। इनका प्रभारी हर जिले के पुलिस अधीक्षकों को बनाया गया है। अच्छा काम करने वाली टीमों को सूबे के पुलिस महानिदेशक नकद धनराशि देकर सम्मानित करते हैं।
अब तक हरिद्वार टीम की नॉडल अधिकारी ममता वोहरा, नैनीताल टीम के नॉडल अधिकारी लोकजीत सिंह पुलिस महानिदेशक द्वारा पांच-पांच हजार रुपए की धनराशि देकर सम्मानित किया जा चुका है। इस अभियान की सफलता को लेकर अभियान की पर्यवेक्षिका बेगम शाहजहां जावेद खां की जमकर तारीफ की जा रही है।
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के गांव सूर्यनगर निवासी किशन सिंह ने बताया कि उनका इकलौता बेटा अमन पिछले साल नाराज होकर फिल्म स्टार बनने की चाहत में घर छोड़कर चला गया था। आॅपरेशन स्माइल टीम जब किशन सिंह के घर पहुंची तो उन्होंने और उनकी पत्नी ने पुलिस के सामने रोते-बिलखते अपने बेटे को ढूंढकर लाने की विनती की। माता-पिता की पीड़ा और आंसुओं को देखकर पुलिस वालों का दिल पसीज गया। 15 दिन की कड़ी मेहनत के बाद 8 फरवरी को पुलिस ने पंजाब के अमृतसर के एक होटल डायमंड में अमन को नौकरी करते हुए पकड़ा। जहां अमन अपना नाम बदलकर नौकरी कर रहा था। पूछताछ करने पर अमन ने बताया कि मैं रॉक स्टार डांसर बनने अपने घर से चंडीगढ आया था। पुलिस ने अमन की काउंसिलिंग करके उसे उसके घरवालों के सुपुर्द कर दिया।
उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के थाना अफजलगढ़ के गांव जिगरीवाला के निवासी नासिर हुसैन के 17 साल के बेटे फरमान को आॅपरेशन स्माइल टीम ने तपोवन ऋषिकेश के गंगा घाट से बरामद किया। वह छह महीने पहले अपनी मां द्वारा पढ़ाई के लिए डांटे जाने पर घर से भाग गया था। जब पुलिस की टीम फरमान को उसके माता-पिता से मिलाने उसके घर ले गई तो उसके परिवार वालों की खुशी देखते ही बनती थी। बेटे को गले लगाते हुए उसके पिता नासिर हुसैन ने आॅपरेशन स्माइल टीम को ढेरों दुआएं दीं और कहा कि उत्तराखंड पुलिस मां-बाप को उनके बिछुडेÞ बच्चों से मिलाकर नेक काम कर रही है।

