YUvraj Singh Happy Birthday: टीम इंडिया के 'सिक्सर किंग' युवराज सिंह 12 नवंबर को अपना 37वां जन्मदिन सेलिब्रेट रहे हैं। युवी का जन्म 12 दिसंबर 1981 में चंडीगढ़ के जाट परिवार में हुआ था। युवी के पिता योगराज भी जाने-माने क्रिकेटर रहे हैं। युवराज सिंह ने 2011 में विश्व कप लाने में बड़ी भूमिका अदा की थी, जिस दौरान उन्हें अपने कैंसर के बारे में पता चला था। 2011 के वर्लड कप के दौरान युवी को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। इससे पहले युवी ने 20-20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों में 6 छक्के मारे थे, और 20-20 में 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी उनके नाम है। युवराज के जीवन में तमाम तरह के उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने कभी हौंसला नहीं हारा और हर बार खुद को साबित किया। जानिए युवी की पर्सनल और क्रिकेट से जुड़ी लाइफ के बारे में कुछ खास बातें। (All Pics- Express) -
युवराज सिंह इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब, पुने वॉरियर्स इंडिया, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब से खेल चुके हैं। टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में युवी ने 1 ओवर में 6 छक्के लगाने का विश्व रिकार्ड हासिल किया था। यही वजह है कि उन्हें सिक्सर किंग के नाम से भी जाना जाता है।
युवराज सिंह पिछले काफी लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं और खराब फॉर्म के चलते उनका कमबैक होना नामुमकिन सा लग रहा है। गंभीर के संन्यास के बाद अब माना जा रहा है कि युवी 2019 वर्ल्ड कप के पहले क्रिकेट को गुडबाय बोल सकते हैं। हालांकि इससे पहले भी युवी के सन्यास की खबरें आई थीं लेकिन उस वक्त उन्होंने खुद को इंप्रूव कर दिखा दिया था कि अब भी एक बेहतर क्रिकेटर हैं। -
बता दें कि 2011 में जब भारत विश्व विजेता बना था तब जीत के हीरो युवी उसी वक्त कैंसर से जूझ रहे थे। तब ऐसा लग रहा था कि मैदान पर उनकी वापसी की सारी उम्मींदे खत्म हैं। लंबे समय तक युवी ने कैंसर का इलाज कराया और इस पर जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने कैंसर पीड़ितों के लिए एर एनजीओ भी खोला। youwecan के नाम से युवराज का एनजीओ है जिसमें वह सभी कैंसर पीड़ितों की मदद करते हैं।
2017 में जनवरी में जब युवी को खेलने का एक मौका मिला था तब उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। लंबे समय के बाद युवी ने धुंआधार पारी खेली और खुद को साबित किया। यह बात 2017 के भारत- इंग्लैंड के मुकाबले की है तब वन-डे सीरीज खेल चल रहा था। इसी टूर्नामेंट में कोहली ने युवी पर भरोसा कर दोबारा खेलने का मौका दिया। फिर क्या युवी ने कटक के बाराबाती स्टेडियम में 19 जनवरी 2017 को खेले गए मैच में अपना पूरा दम जोश दिखाया। इसके बाद से उनके दिमाग से सन्यास लेने वाली बात पूरी तरह से निकल गई। -
2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की शुरुआत पहले तो बेहद खराब दिखी। जब टीम इंडिया ने 30 रन भी पूरे नहीं किए थे और केएल राहुल, शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली आउट हो गए थे। ऐसे में हर किसी की निगाहें युवी पर टिकी थीं। युवी ने महज 127 गेंदों में 150 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 21 चौके और तीन छक्के भी निकले। इस दौरान युवी के लिए अपने करियर का 14वां वनडे शतक खास था। इससे पहले युवी ने 2011 में विश्वकप मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ सैंकड़ा जड़ा था।
अपने संन्यास लेने वाली बात का खुलासा खुद युवी ने किया था। युवी ने बताया था कि, 'एक वक्त वे क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे थे। यदि कोहली उन्हें भरोसे में नहीं लेते, तो वो क्रिकेट को अलविदा कह देते। उन्होंने कहा कि वो कैंसर से जूझते समय बेहद परेशान थे। उस समय वो क्रिकेट से संन्यास के बारे में सोच रहे थे। -
युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी की सेंचुरी की बदौलत भारत ने 381 रन का विशाल लक्ष्य इंग्लैंड के सामने रखा। कोहली की कप्तानी में युवराज सिंह का शानदार कमबैक हुआ, जिसके चलते टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 15 रन से हराया।
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युवराज ने बताया था कि ''मुझे खुशी है कि ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगो को मुझपर भरोसा था। एक वक्त मैंने सोचा कि आगे खेलना चाहिए या नहीं, मगर कभी हार न मानने में मेरा विश्वास है।' युवी पर कोहली का भरोसा और खुद के आत्मविश्वास ने उन्हें कैंसर से लड़ने के बाद ताकत दी।
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यह बात पिछले भारत- इंग्लैंड के मुकाबले की है तब वन-डे सीरीज खेल चल रहा था। इसी टूर्नामेंट में कोहली ने युवी पर भरोसा कर दोबारा खेलने का मौका दिया। फिर क्या युवी ने कटक के बाराबाती स्टेडियम में 19 जनवरी 2017 को खेले गए मैच में अपना पूरा दम जोश दिखाया। इसके बाद से उनके दिमाग से सन्यास लेने वाली बात पूरी तरह से निकल गई। इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की शुरुआत पहले तो बेहद खराब दिखी। जब टीम इंडिया ने 30 रन भी पूरे नहीं किए थे और केएल राहुल, शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली आउट हो गए थे। ऐसे में हर किसी की निगाहें युवी पर टिकी थीं। युवी ने महज 127 गेंदों में 150 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 21 चौके और तीन छक्के भी निकले। इस दौरान युवी के लिए अपने करियर का 14वां वनडे शतक खास था। इससे पहले युवी ने 2011 में विश्वकप मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ सैंकड़ा जड़ा था।
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युवी पर अब फैंस को भरोसा है कि वह एक बार फिर से शानदार वापसी करेंगे। अब देखना होगा कि 2019 के वर्ल्ड कप में युवी अपने बल्ले का जलवा दिखाते हैं।