साल 2011 का 2 अप्रैल इंडियन क्रिकेट टीम का यादगार है और हमेशा रहेगा। यही वो दिन था जब टीम इंडिया ने अपनी जमीं पर पहली बार वर्ल्ड कप जीता था। इसी दिन टीम इंडिया ने 1983 के बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था। यह दिन न जाने कितनी यादें संजोए रखता है। यही वो दिन है जब सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का सपना सच हुआ था। यही वो दिन है जब धोनी ने हेलिकॉप्टप शॉट्स लगाया था और टीम को विजेता बनाया था। इस दिन से युवराज सिंह की भी तमाम यादें जुड़ी हैं। युवराज ने वर्ल्ड कप के मैच शतक जड़ा था। तब वे अंजान थे कि वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। -
मैच के दौरान जब युवराज खून की उल्टियां हुई थीं। वह दर्द से तड़प रहे थे। बाद में पता चला कि उन्हें कैंसर है। इस बात की जानकारी ना तो टीम मैनेजमेंट को थी और ना ही खुद युवराज को। इसके बावजूद युवराज डटे रहे और पूरा टूर्नमेंट खेला।
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वर्ल्ड कप के दौरान युवराज ने टूर्नमेंट में 1 शतक और 4 अर्धशतकों की मदद से कुल 362 रन और 15 विकेट लेने वाले युवी ने मैन ऑफ द सीरीज की ट्रॉफी भी अपने नाम की। तब उनकी आंखे बेहद नम थीं।
भारत की ऐतिहासिक वर्ल्ड कप जीत के बाद ही युवराज सिंह ने खुलासा किया था कि उन्हें कैंसर है। इसके बाद वह अमेरिका इलाज के लिए गए थे। युवराज सिंह ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) को अलविदा कह दिया था। इसके बाद उन्होंने दुनियाभर में कई टी20 लीग में हिस्सा लिया था। -
युवी ने एक बार खुलासा किया था कि जब उन्हें कैंसर था तो ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया कि कैंसर के चलते खेल से दूर रहना किसी खिलाड़ी के लिए कितना मुश्किल अनुभव होता है। युवराज सिंह ने कहा, 'मुझे अब भी याद है जब मैं इलाज के लिए अमेरिका में था… तब ट्विटर नया-नया चलन में था। मैंने अपने इलाज से संबंधित कुछ पोस्ट कीं तो पाकिस्तानी लोगों ने मेरे लिए खूब दुआएं भेजीं थीं। यही वजह है कि उन्होंने कैंसर को हराया और फिर से क्रिकेट की दुनिया में शुमार हुए।
युवराज सिंह ने कैंसर के अनुभव को बयां करते हपए इंटरव्यू में कहा था, 'पहले मुझे लगा कि उल्टी मुझे गर्मी की वजह से हुई। मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरता था, लेकिन वीरू (वीरेंदर सहवाग) वर्ल्ड कप से बाहर हुए तो फैसला किया कि ऊपर जाऊंगा और बड़ा स्कोर करूंगा। जब चेन्नई में शतकीय पारी के दौरान उल्टी हुई तो मैंने ईश्वर से प्रार्थना की- जो भी हो, अगर मैं मर भी जाऊं तो भी वर्ल्ड कप भारत ही जीते।' -
युवराज सिंह, सौरव गांगुली को अपना बेस्ट कैप्टन मानते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि जितना गांगुली ने उनका सपोर्ट किया था उतना एमएस धोनी और विराट कोहली ने नहीं किया। सिक्सर किंग युवराज सिंह ने कहा, "मैं काफी समय तक सौरव गांगुली की कप्तानी में खेला हूं और उन्होंने मेरा काफी सपोर्ट किया है। इसके बाद माही (MS Dhoni) ने कप्तानी ली। ऐसे में ये चुन पाना काफी कठिन है कि कौन अच्छा है। सौरव के के साथ मेरी तमाम यादें जुड़ी हैं क्योंकि उन्होंने मेरा सपोर्ट दिया। मुझे माही और विराट (कोहली) से इस तरह का समर्थन नहीं मिला।"