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क्रिकेट में किसी खिलाड़ी को लेकर फैन्स का परसेप्शन बहुत जल्दी बन जाता है। वे किसी खिलाड़ी को बतौर बल्लेबाज, गेंदबाज या फील्डर ही याद करते हैं। उदाहरण के तौर पर द.अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ को बतौर कप्तान ही याद किया जाता है। महेंद्र सिंह धोनी को फील्डिंग करते बहुत कम लोगों ने देखा होगा। उनकी पहचान विकेटकीपिंग से है। 2015 के आईपीएल में मुंबई इंडियन्स की जीत के बाद राजस्थान रॉयल्स के राहुल द्रविड़ का निराश होकर कैप फेंकना हर किसी के लिए हैरानी भरा था। क्योंकि हर किसी के लिए वह जेंटलमैन हैं। इसी तरह कुछ बल्लेबाजों पर भी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज का ठप्पा लगा दिया गया था, लेकिन फैन्स यह नहीं जानते कि टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले कई एेसे भी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज हैं, जिन्होंने विकेट भी चटकाए हैं। बात करते हैं एेसे ही खिलाड़ियों के बारे में:
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शिवनारायण चंद्रपाल: विंडीज टीम के इस धाकड़ बल्लेबाज ने ज्यादातर वक्त क्रीज पर ही बिताया है। लेकिन अपने 20 साल के करियर में उन्होंने 9 टेस्ट विकेट भी लिए हैं। ग्राहम थॉर्प चंद्रपाल के पहले शिकार बने थे, वह भी उनके करियर के शुरुआती फेज में।
एलिस्टर कुक: 11 हजार से ज्यादा रन बनाकर इंग्लैंड के सबसे कमयाब टेस्ट बल्लेबाज बने एलिस्टर कुक को शायद ही किसी ने गेंदबाजी करते सुना भी होगा। 144 टेस्ट मैचों में उन्होंने सिर्फ दो में गेंदबाजी की और एक विकेट झटका। 2014 में भारत और इंग्लैंड के बीच जब मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था तो टीम इंडिया के पुछल्ले बल्लेबाज मजबूत दिख रहे थे। आखिरी सत्र में कुक को गेंद सौंपी गई और उन्होंने इशांत शर्मा को आउट कर दिया। -
महेला जयवर्धने: एक टेस्ट मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया। लेकिन सदगोपन रमेश और राहुल द्रविड़ ने दूसरे विकेट के लिए 200 रन जोड़ दिए। कप्तान अर्जुन रणतुंगा के पास विकल्प खत्म के बराबर थे। उन्होंने गेंद महेला जयवर्धने को थमाई, जिन्हें पार्ट टाइम गेंदबाज भी नहीं माना जाता था। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि उन्होंने रमेश का विकेट लेकर तहलका मचा दिया। पूरे करियर में उन्होंने 6 टेस्ट विकेट झटके।
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मार्क बाउचर: इन्हें टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर्स में से एक माना जाता है। वह एक अच्छे बल्लेबाज भी थे। 147 टेस्ट मैचों में उन्हें एक बार गेंदबाजी करने का मौका मिला और उन्हें उस पारी में एक अहम विकेट भी लिया। 2005 के एंटिगुआ टेस्ट, जिसे क्रिस गेल के तिहरे शतक के लिए याद किया जाता है, में ग्रीम स्मिथ ने बाउचर से गेंद फेंकने को कहा और उनकी आखिरी गेंद पर विंडीज बल्लेबाज ड्वेन ब्रावो आउट हो गए।
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वीवीएस लक्ष्मण: यह नाम हर किसी के लिए हैरानी भरा है। अॉस्ट्रेलिया टीम इस खिलाड़ी का विकेट बेहद अहम मानती थी। स्पेशलिस्ट बल्लेबाज का तमगा पा चुके लक्ष्मण ने 134 टेस्ट में फेंकी 324 गेंदों में 2 विकेट झटके हैं। 2002 के एंटिगुआ टेस्ट में उन्होंने एडम सैनफॉर्ड को पवेलियन भेजा। इसके 6 साल बाद पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में उन्होंने मोहम्मद शमी को आउट किया।