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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अब धीरे-धीरे कई सेलेब्स के डिप्रेशन को लेकर तमाम बातें सामने आई हैं। बॉलीवुड में ही नहीं दूसरे क्षेत्रों में भी अगर किसी के करिअर में बाधाएं आएं या किसी वजह से वो व्यक्ति परेशान है तो उसे भी आत्महत्या के ख्याल आते हैं। टीम इंडिया के क्रिकेटर सुरेश रैना भी एक दौर में अपनी जिंदगी खत्म कर देना चाहते थे। यह बात खुद रैना एक कार्यक्रम में बयां कर चुके हैं। भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना को जिंदगी में काफी मुसिबतों का सामना करना पड़ा था। छोटी उम्र से ही रैना हॉस्टल में रहा करते थे, जहां पर उन्हें अपनी जिंदगी एक बोझ लगने लगी थी। आज हम उनके संघर्ष और व्यक्तिगत जिंदगी को इन तस्वीरों में बता रहे हैं।
सुरेश रैना का जन्म 27 नवंबर 1986 को में यूपी के मुरादनगर में हुआ था। सुरेश रैना की मां उनके पिता की दूसरी पत्नी हैं। -
रैना के पिता इंडियन आर्मी में अफसर थे इसीलिए वे छोटी उम्र से ही हॉस्टल में रहने लगे थे। रैना के पिता की पहली पत्नी से चार बच्चे थे।
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सुरेश रैना का कहना है कि मुझे माता-पिता का वो प्यार नहीं मिला जो एक बच्चे को मां-बाप के साथ रहकर मिलता है। पापा बाहर रहते थे और मैं मां के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाता था।
बकौल रैना हॉस्टल में मेरे साथ काफी ज्यादती होती थी। लड़के मुझे इतना परेशान करते थे कि एक बार मेरे मन में आत्महत्या करने का विचार आया था। तब मैं 13 साल का था। -
सुरेश रैना का कहना है कि मैं बस चाहता हूं कि मेरे परिजन और मेरी पत्नी खुश रहे। कुछ और नहीं चाहिए। रैना का निकनेम सोनू है।
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अप्रैल 2015 में सुरेश रैना ने आईटी प्रोफेशनल प्रियंका चौधरी से शादी कर ली। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। बेटी का नाम ग्रैसिया रैना और बेटे का नाम रियो है।
रैना ने भले ही टीम इंडिया से संन्यास न लिया हो लेकिन वह मैदान से काफी लंबे समय से दूर हैं। फिलहाल वह अपनी मैरिड लाइफ को एंजॉय कर रहे हैं। क्रिकेटर के अलावा रैना एक बेहतरीन सिंगर भी हैं। वह कई दफा अपने गाए हुए गाने भी सोशल अकाउंट पर डालते हैं। इन दिनों रैना चीन पर अपना गुस्सा जाहिर करने को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में रैना ने एक बयान में कहा, ''चीन भारत से कुछ भी पाने का हकदार नहीं है। रैना ने कहा कि सैनिकों को खोने के बाद भारी गुस्सा है। जो भी सरकार कर रही है मुझे उम्मीद है कि वह अच्छा काम करेगी। यह दुखद है कि हमारे सैनिकों ने जान गंवाई। मेरे लिए यह आसान है कि बैठ जाऊं और उनके बारे में बोलूं, लेकिन शहीदों के परिवार के लिए यह समय बहुत मुश्किल है।'' -
रैना ने कहा, ''जिस तरह से हमारे देश के सैनिक बॉर्डर पर अपना काम कर रहे हैं, इसके लिए कुछ भी शब्द कम पड़ेंगे। सेना मजबूत है।मैं हर किसी को सलाम करना चाहता हूं। पहले कोरोना वायरस और अब बॉर्डर पर यह स्थिति। मुझे इसके पीछे कोई रणनीति लग रही है। जहां तक बीसीसीआई की चीनी कंपनियों के साथ करार की बात है तो मुझे लगता है कि बोर्ड इस पर फैसला लेगा। हमारा काम खेलना और देश का नाम रोशन करना है। इस पर फैसला बीसीसीआई और सरकार को लेना है।''