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क्रिकेट एक लोकप्रिय और प्रसिद्ध खेल है जहां क्रिकेटर्स ना केवल दुनियाभर में नाम और शोहरत हासिल करते है बल्कि बेशुमार दौलत भी कमाते है। कुछ खिलाड़ी बुलंदियों को छू लेते हैं तो कुछ ऐसे भी रह जाते हैं जो चंद मुकाबले खेलने के बाद गुमनाम हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है श्रीलंका के पूर्व ऑफ स्पिनर सूरज रणदीव।
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दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर सूरज रणदीव का श्रीलंका में कम उम्र में सफल करियर रहा था। उन्होंने अंडर-15 और अंडर-19 स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और 2003-04 के अंडर-23 टूर्नामेंट में चार मैचों में 23 विकेट लिए थे।
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सूरज रणदीव ने साल 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। ये वही साल था जब सूरज ने दांबुला वनडे में वीरेंद्र सहवाग को शतक लगाने से रोक दिया था। दरअसल, सूरज ने 99 रनों पर खेल रहे वीरेंद्र सहवाग को नो बॉल फेंककर शतक से रोक दिया था।
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इस गेंद पर सहवाग ने छक्का लगाया था लेकिन नो बॉल होने के कारण उनका छक्का नकाउंट नहीं हुआ और वह शतक बनाने से एक रन से चूक गए। सूरज ने जानबूझकर नो बॉल फेंकी थी, जिसके लिए उन्होंने बाद में माफी भी मांगी थी।
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इसके बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सूरज रणदीव को एक मैच के लिए निलंबित कर दिया था, जबकि कप्तान तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना लगाया गया। यह गेंदबाज 2011 विश्व कप फाइनल में भी श्रीलंका टीम के साथ था लेकिन वह सफल नहीं हो सके।
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सूरज श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट खेल चुके हैं। उनके नाम 43 विकेट है। वनडे फॉर्मेट में उनके प्रदर्शन पर नजर डालें तो उन्होंने 31 मैच खेले और 36 विकेट लिए, जबकि 7 टी20 मैचों में उन्होंने 7 विकेट लिए थे। सूरज ने श्रीलंका के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।
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सूरज IPL का भी हिस्सा रह चुके हैं। साल 2011 में उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) की ओर से खेला था। उन्होंने उस सीजन 8 मैचों में 6 विकेट भी चटकाए थे। इसी सीजन में CSK की टीम चैंपियन बनी थी। लेकिन क्रिकेट से अलग होने के बाद सूरज अपना जीवन-यापन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर बन गए हैं। वह मेलबर्न स्थित कंपनी ट्रांसडेव में बतौर बस ड्राइवर काम कर रहे हैं।
(Photos Source: ESPNcricinfo)
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