Buenos Aires 2018 Summer Youth Olympic Games: अर्जेंटीना के ब्यूनस आरयर्स में शुरू हुए 2018 समर यूथ ओलपिंक गेम्स में भारत ने दो मेडल अपनी झोली में डाले। यहां पर शूटिंग में तुषार माने ने जहां देश को पहला सिल्वर मेडल दिलाया तो वहीं दूसरा सिल्वर मेडल थंगजानने तबाबी देवी लाईं। थंगजाम तबाबी देवी ने ओलंपिक स्तर पर भारत को जूडो में पहला पदक दिलाया। तबाबी ने युवा खेलों में महिलाओं के 44 किलो वर्ग में रजत पदक जीता है। मणिपुर की एशियाई कैडेट चैंपियन तबाबी देवी को यूथ ओलंपिक के फाइनल में वेनेजुएला की मारिया जिमिनेज के द्वारा 11-0 से हारना पड़ा। हालांकि तबाबी ने यहां सिल्वर मेडल जीतकर हमारे देश को गौरवान्वित किया। बता दें कि अब तक भारत ने सीनियर या जूनियर किसी भी स्तर पर जूडो में कभी ओलिंपिक मेडल नहीं जीता है। जानिए कौन हैं तबाबी देवी। (All Photos- Indian Olympic Association Twitter) -
तबाबी देवी ने सेमीफाइनल में क्रोएशिया की विक्टोरिया पुलिजिच को 10-0 से हराया था और उससे पहले उसने भूटान की यांगचेन वांगमो को 10-0 से को हराया।
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मणिपुर की रहने वाली थंगजाम तबाबी देवी के पिता मजदूर हैं और मां मछलियां बेचती हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में रहकर भी तबाबी ने वो कारनामा कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं है। तबाबी के पेरेंट्स का कहना है कि जब बेटी ने जूडो की शुरुआती की थी तब वे ऐसे दौर से भी गुजरे कि उनके पास शाम के भोजन के लिए भी पैसे नहीं हुए। तबाबी की मां का कहना है कि वह उसके लिए कभी एक और दो मछलियां अलग से रखेगीं। बेहद भावुक मन ने तबाबी की मां ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सोमवार के दिन उन्होंने और उनके पति (तबाबी के पिता) ने मेहनत करके कुल मिलाकर 240 रुपए कमाए। इस कमाई का हिस्सा वह अपनी बेटी के लिए उपहार के तौर पर रखेंगे। ताकि कभी जरूरत पढ़ने पर उसके काम आ सकें।
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मणिपुर के मयंग गांव में जुडो स्टार तबाबी के स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। तबाबी के पिता ने बताया कि उनकी पत्नी ने बेटी के लिए अलग से सबसे बढ़िया मछली रखी है।
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तबाबी के पेरेंट्स ने कहा, गोल्ड का बोला था और कोच बता रहे हैं कि सिल्वर आया है। लेकिन हमारे लिए तो तबाबी का सिल्वर ही गोल्ड के बराबर है। कोच ने तबाबी के पेरेंट्स को बताया कि सिल्वर भी गोल्ड की तरह अच्छा है।
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तबाबी के सिल्वर मेडल लाने की जानकारी जब उन्होंने उनके पेरेंट्स को खुशी से फूले नहीं समाए। बाकई यह उनके लिए जश्न का माहौल है।
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तबाबी ने पहला गोल्ड मेडल बिहार में आयोजित सब जूनियर नेशनल्स में 2016 के दौरान जीता था। इससे पहले तबाबी किर्गिस्तान के एशियाई कैडेट चैंपियनशिप मे भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
